Edited By Vandana Khosla, Updated: 09 Jan, 2025 01:12 PM
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में फरवरी 2024 में हुए दंगों के आरोपी दो लोगों को बुधवार को ‘डिफॉल्ट' (निर्धारित अवधि में आरोप-पत्र दायर नहीं होने पर) जमानत दे दी।
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में फरवरी 2024 में हुए दंगों के आरोपी दो लोगों को बुधवार को ‘डिफॉल्ट' (निर्धारित अवधि में आरोप-पत्र दायर नहीं होने पर) जमानत दे दी।
आरोपी न्यायमूर्ति मनोज तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने दंगों के सिलसिले में कई अन्य लोगों के साथ आरोपी अरशद अयूब और जावेद सिद्दीकी को जमानत दी। अदालत ने दो जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। हल्द्वानी के मुस्लिम बहुल बनभूलपुरा इलाके में आठ फरवरी को अवैध मदरसा और उसके परिसर में नमाज अदा करने के लिए बनाए गए एक छोटे से ढांचे को गिराए जाने को लेकर दंगे भड़क उठे थे, जिसके बाद यह मामला दर्ज किया गया था।
बता दें कि बनभूलपुरा हिंसा मामले में 90 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल नहीं किए जाने पर 50 अन्य आरोपियों ने 29 अगस्त 2024 को उच्च न्यायालय से डिफॉल्ट जमानत प्राप्त कर ली थी।