Edited By Anil Kapoor, Updated: 06 Aug, 2025 09:53 AM
Uttrakhand News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में कुदरत ने ऐसी तबाही मचाई कि पूरे देश का दिल दहल गया। मिली जानकारी के मुताबिक, बीते शनिवार दोपहर करीब 1:30 बजे, खीरगंगा नदी के ऊपर बादल फट गया, जिससे अचानक एक भीषण सैलाब गांव की ओर......
Uttrakhand News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में कुदरत ने ऐसी तबाही मचाई कि पूरे देश का दिल दहल गया। मिली जानकारी के मुताबिक, बीते शनिवार दोपहर करीब 1:30 बजे, खीरगंगा नदी के ऊपर बादल फट गया, जिससे अचानक एक भीषण सैलाब गांव की ओर उमड़ पड़ा।
सिर्फ 58 सेकेंड में तबाह हुआ धराली गांव
बादल फटते ही लाखों टन मलबा, पानी के साथ बिजली की रफ्तार से गांव में घुस आया। लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही 58 सेकेंड में पूरा गांव मलबे में दब गया। घर, होटल, दुकानें — सब कुछ देखते ही देखते तिनके की तरह बह गए।

क्या हुआ उस दिन?
मलबे और पानी के तेज बहाव ने धराली बाजार को पूरी तरह से तबाह कर दिया। लोगों में चीख-पुकार मच गई – “अरे भागो, मामा, ए मेरी मां...” – हर कोई जान बचाने के लिए चिल्ला रहा था। महिलाएं अपने रिश्तेदारों को फोन करने की कोशिश कर रही थीं – “अरे फोन कर, पागल फोन कर!” लेकिन इतनी तेज रफ्तार से आया सैलाब, किसी को संभलने का मौका तक नहीं दे पाया।

अब तक की स्थिति
4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, 130 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया। कई लोग अब भी लापता हैं, जो मलबे में दबे हो सकते हैं। गांव में कई मीटर तक मलबा जमा हो गया है। कई मकानों का नामोनिशान तक मिट गया है।

तबाही इतनी बड़ी थी कि...
सैलाब सीधे भागीरथी नदी में मिला, लेकिन जाते-जाते पूरा गांव तहस-नहस कर गया। खीरगंगा नदी का पानी और मलबा जब गांव से टकराया, तो जमीन हिलती महसूस हुई। लोगों का कहना है, उन्होंने ऐसी तबाही पहले कभी नहीं देखी।

तुरंत शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
सेना की एक टुकड़ी 10 मिनट के भीतर धराली पहुंच गई। NDRF, SDRF और पुलिस राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी हालात की जानकारी ली।

'कितने लोग दबे हैं, भगवान ही जाने...'
अभी तक कितने लोग मरे या मलबे में फंसे हैं, इसकी सही जानकारी नहीं मिल पाई है। चश्मदीदों का कहना है कि "बहुत लोग मर गए भाई... भागने का मौका ही नहीं मिला... मलबे में दबे होंगे पता नहीं कितने..."।

लोगों के मन में डर और सदमा
गांव के लोग कहते हैं कि पहाड़ से इतना खतरनाक सैलाब कभी नहीं आया। "हमने अपनी आंखों से तबाही देखी, लोग चिल्ला रहे थे, मगर कोई कुछ नहीं कर पाया..."। आज धराली गांव दो हिस्सों में बंट चुका है, हर तरफ सिर्फ मलबा और तबाही के निशान हैं।