खटीमा गोलीकांडः CM धामी ने शहीदों को नमन कर किया याद, कहा- उत्तराखंड का हर नागरिक इन वीर सपूतो का सदैव ऋणी रहेगा

Edited By Vandana Khosla, Updated: 01 Sep, 2025 03:39 PM

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खटीमाः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को खटीमा गोलीकांड की 31 वीं बरसी पर शहीद आंदोलनकारियों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस मौके पर शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा...

खटीमाः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को खटीमा गोलीकांड की 31 वीं बरसी पर शहीद आंदोलनकारियों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस मौके पर शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य आंदोलनकारियों के आदर्शों और उनके सपनों को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड का हर नागरिक इन सभी वीर सपूतों का सदैव ऋणी रहेगा। राज्य आन्दोलन के अपने अनुभवों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कि इस घटना ने लोगों को उत्तराखंड के अधिकारों की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। आगे कहा कि हम सभी मिलकर उनके सपनों के उत्तराखंड का निर्माण करें, यही उनके लिए हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमुदाय को हिमालय बचाओ अभियान की शपथ भी दिलाई। मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों नानक सिंह, नरेंद्र चंद्र,जगत सिंह, अनिल भट्ट और शरीफ अहमद को सम्मानित भी किया।  

राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों के लिए 3000 रुपये मासिक पेंशन जबकि घायल और जेल गए आंदोलनकारियों को 6000 और सक्रिय आंदोलनकारियों को 4500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। नए कानून के तहत चिह्नित आंदोलनकारियों की परित्यक्ता, विधवा और तलाकशुदा पुत्रियों को भी इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को पहचान पत्र जारी करने के साथ ही 93 आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में सेवायोजित भी किया गया है। यही नहीं आंदोलनकारियों को सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में नारी शक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।

राज्य निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका को देखते हुए ही राज्य सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य के समग्र विकास के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। उत्तराखंड ने देश में सबसे पहले ‘समान नागरिक संहिता' को लागू किया है।

देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू किया है, जिसके बाद लगभग 24 हजार से अधिक युवाओं ने सरकारी नौकरियां पाने में सफलता प्राप्त की है। सरकार देवभूमि उत्तराखंड की डेमोग्राफी को बचाए रखने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों लागू किया गया है। 7 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। 

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