Edited By Ramanjot, Updated: 18 Dec, 2025 05:53 PM

अपराध शाखा अपराध जांच विभाग (सीबीसीआईडी) के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अरुण मोहन जोशी वर्चुअली अदालत में पेश हुए। उन्होंने कहा कि सीबीसीआईडी की ओर से दोषरहित जांच की जा रही है। उसका प्रयास है कि वह ठोस आरोपपत्र दायर करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि...
Uttarakhand News: उत्तराखंड के नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव में हिंसा और झड़प के मामले में पुलिस जांच का दायरा बढ़ा रही है और यह भी पता लगा रही है कि इस पूरी साजिश में कौन-कौन से लोग शामिल हैं। इस मामले में गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर की अगुवाई वाली युगलपीठ में सुनवाई हुई।
4 से 14 अगस्त के मध्य की गई पूरी साजिश
अपराध शाखा अपराध जांच विभाग (सीबीसीआईडी) के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अरुण मोहन जोशी वर्चुअली अदालत में पेश हुए। उन्होंने कहा कि सीबीसीआईडी की ओर से दोषरहित जांच की जा रही है। उसका प्रयास है कि वह ठोस आरोपपत्र दायर करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीसीआईडी अभी तक 70 मामलों की जांच कर चुकी है और सभी एक साल से कम अवधि में संपन्न की गई हैं। दूसरी ओर सरकार की ओर से इसे एक साजिश बताया गया और कहा गया कि चार से 14 अगस्त के मध्य यह पूरी साजिश की गई है। जांच में इस पर भी फोकस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह भी ध्यान देने लायक बात है कि घटना के दिन कुछ जिला पंचायत सदस्यों के विजयी प्रमाण पत्र एक ही व्यक्ति के पास कैसे उपलब्ध थे। ये सभी लोग कैसे नैनीताल पहुंचे और इन बिंदुओं पर भी जांच की जाएगी।
एक ही मामले में कुल छह एफआईआर दर्ज
सरकार की ओर से आगे कहा गया कि एक ही मामले में कुल छह प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज हैं। चार एफआईआर निजी लोगों द्वारा दर्ज किए गए हैं। इन मामलों की अलग अलग जांच की जा रही है। उन्होंने अदालत से मांग की कि पहली एक एफआईआर पुलिस अधिकारी की ओर से की गई है और उसमें ही जांच की जानी चाहिए। हालांकि अदालत ने अभी तक की जांच और पूरे रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि चार महीने में अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुुई हैै। अंत में अदालत ने पुलिस महानिदेशक से इस पूरे प्रकरण को देखने और अधिकारियों के रवैये पर कारर्वाई करने को कहा है। साथ ही निर्देश दिये कि इस प्रकरण की जांच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की निगरानी में की जाये और 29 दिसंबर तक जांच की प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करें।