Uttarakhand: शिक्षा के नाम पर Private Schools ने मचाई लूट, पूर्व शिक्षा मंत्री ने बताई ये बड़ी वजह

Edited By Harman Kaur, Updated: 15 Apr, 2023 01:48 PM

uttarakhand private schools looted in the name of education

देवभूमि उत्तराखंड जो कि एजुकेशन हब के नाम से जाना जाता है। जहां दूर-दूर से बच्चे पढ़ने आते है, लेकिन अब यहां शिक्षा के नाम पर खुली लूट चल रही है....

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड जो कि एजुकेशन हब के नाम से जाना जाता है। जहां दूर-दूर से बच्चे पढ़ने आते है, लेकिन अब यहां शिक्षा के नाम पर खुली लूट चल रही है। अलग-अलग वजहों से अभिभावकों से मोटी-मोटी रकम वसूल की जा रही है। प्राइवेट स्कूल हर साल फीस बढ़ाने के साथ ही अभिभावकों से एनुअल फीस, एडमिशन फीस, ट्रांसपोर्टेशन की फीस और ऐसे ना जाने कितनी वजहों से फीस वसूल रहे हैं। इतनी फीस देकर भी बच्चे के सफल होने की गारंटी नहीं। प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती मनमानी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने 22 स्कूलों को नोटिस भी थमाया है, लेकिन कोई खास असर देखने को नहीं मिला। वहीं, अब इस पूरे मामले में सियासत भी गरमा गई है। स्कूलों की इस मनमानी को रोकने के लिए उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार को कार्रवाई के लिए अल्टीमेटम दिया है।

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राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने स्कूलों की मनमानी के पीछे अधिकारियों और स्कूल संचालकों की मिलीभगत को जिम्मेदार बताया है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से 4 मुख्य शिक्षा अधिकारियों समेत 15 खंड शिक्षा अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग की है। उनका कहना है कि ये अधिकारी राज्य के निजी स्कूलों में एनसीईआरटी के बजाए निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें लगा रहे हैं, जिन्हें हटाया जाना चाहिए।

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'सरकार की नीतियों के चलते खुलेआम लूट मचा रहे हैं प्राइवेट स्कूल'
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि सरकार की नीतियों के चलते प्राइवेट स्कूल खुलेआम लूट मचा रहे हैं। जबकि सत्तापक्ष ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दे रहा है। कुल मिलाकर शिक्षा के नाम पर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी कोई नई बात नहीं है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों सरकार शिक्षा के इन माफियाओं के आगे झुकते हुई नजर आती है। क्यों ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती? क्यों अब तक धामी सरकार ने अपने ही पूर्व शिक्षा मंत्री की मांग को नहीं माना? क्या शिक्षा विभाग के अधिकारी ही महंगी शिक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे कई सवाल सरकार के खिलाफ खड़े हो रहे है।

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