Edited By Vandana Khosla, Updated: 13 Mar, 2025 01:25 PM

Holi 2025: रंगों का त्योहार यानी होली पर्व का क्रेज देशभर में देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड में भी होली पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। वहीं, चमोली स्थित गोपेश्वर में होली के पर्व पर भक्तिमय माहौल देखने को मिलता है। दरअसल, भगवान गोपीनाथ के...
Holi 2025: रंगों का त्योहार यानी होली पर्व का क्रेज देशभर में देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड में भी होली पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। वहीं, चमोली स्थित गोपेश्वर में होली के पर्व पर भक्तिमय माहौल देखने को मिलता है। दरअसल, भगवान गोपीनाथ के मंदिर में होली मनाने के लिए विभिन्न गांवों से होल्यारों की टोली यहां पहुंचती है। मान्यता है कि यहां भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों संग रासलीला की थी।
मिली जानकारी के अनुसार चमोली जिले में स्थित पौराणिक गोपीनाथ मंदिर हैं। यह मंदिर बाबा भोलेनाथ के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। होली के दौरान प्रतिवर्ष गोपीनाथ मंदिर परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। यहां अलग-अलग गांवों में से होल्यारों की टोली होली खेलने पहुंचते हैं। ऐसे में शिव नगरी में भक्तिमय माहौल की रंगत दिखाई देती है। होली के शुभ अवसर पर होल्यार भोलेनाथ संग होली खेलते हैं। होली के दौरान अबीर, गुलाल के रंग उड़ाए जाते हैं और ढोल की थाप पर होली के गीतों पर होली खेली जाती है।
गोपेश्वर गांव के क्रांति भट्ट का कहना है कि गोपीनाथ मंदिर की होली अनूठी है। यहां की होली भोलेनाथ को समर्पित होती है। कहा कि जिस तरह ब्रज में कान्हा के साथ होली मनाई जाती है, उसी तरह गोपेश्वर में होल्यार गोपीनाथ भगवान के संग होली खेलते हैं।