Edited By Nitika, Updated: 24 Jul, 2024 02:08 PM
टिहरीः उत्तराखंड के टिहरी के घनसाली में आतंक फैला रहे गुलदार को आखिर पकड़ने और अंत में नष्ट करने का आदेश जारी हो चुका है। इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बता दें कि 22 जुलाई को घनसाली के भौड़ गांव में गुलदार ने एक 9 वर्षीय बच्ची को अपना शिकार...
टिहरीः उत्तराखंड के टिहरी के घनसाली में आतंक फैला रहे गुलदार को आखिर पकड़ने और अंत में नष्ट करने का आदेश जारी हो चुका है। इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बता दें कि 22 जुलाई को घनसाली के भौड़ गांव में गुलदार ने एक 9 वर्षीय बच्ची को अपना शिकार बनाया था, जिसके बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ था। वहीं इस मामले में ग्रामीणों द्वारा क्षेत्र में गुलदार को मारने की मांग की जा रही थी। इसी बीच मौके पर पहुंचे डीएफओ ने परिजनों को आर्थिक मदद के तौर पर 4 लाख का चेक दिया और टीम को गठित किया है।
लोग जंगली जानवरों के साए में जीने को मजबूर
टिहरी में लोग जंगली जानवरों के साए में जीने को मजबूर हो चुके हैं। आए दिन गुलदार के दिखाई देने और गुलदार द्वारा मवेशियों को अपना शिकार बनाने की खबरें लगातार सामने आ रही है। जनपद के प्रतापनगर, देवप्रयाग और घनसाली में गुलदार दिखाई देने और गुलदार के हमले की खबर सामने आई है। ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए डीएफओ ने क्षेत्र में गुलदार की दहशत के चलते पिंजरे और कैमरा लगा दिया गया है।
शासन- प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाने की जरूरत
बीते जून माह में प्रताप नगर के मुखमाल गांव के नजदीक खेतों में काम कर रही एक महिला पर गुलदार ने हमला किया था। लेकिन आसपास मौजूद महिलाओं के शोर मचाने पर गुलदार भाग निकला और महिला की जान बच गई। वहीं देवप्रयाग में 18 जुलाई को क्रिकेट खेलकर घर लौट रहे महड गांव निवासी 17 वर्षीय किशोर को भी गुलदार ने अपना निवाला बनाया। अब घनसाली के भौड गांव में भी बीते सोमवार को रूकम सिंह की 9 वर्षीय बालिका पूनम जो स्कूल से आने के बाद घर के आंगन में अकेले खेल रही थी और उसके तीन अन्य भाई बहन घर के अंदर थे जबकि मां उषा देवी शिवालय में जलाभिषेक करने गई थी। इसी दौरान गुलदार ने मासूम बच्ची पर हमला कर उसे झाड़ियों की तरफ ले गया और उसे अपना निवाला बनाया। बता दें कि 5 दिनों के भीतर जनपद में गुलदार के हमले में दो बच्चों ने अपनी जान गंवाई है। शासन-प्रशासन को इन घटनाओं से सबक लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि पहाड़ों में गुलदार के हमलों पर अंकुश लग सके।