Edited By Harman Kaur, Updated: 12 Mar, 2023 02:54 PM

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित गोपेश्वर में उस समय हड़कंप मच गया जब कुछ भालुओं ने खाने की खोज में कई घरों, धर्मशालाओं के दरवाजे तोड़ दिए....
चमोली/गोपेश्वर: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित गोपेश्वर में उस समय हड़कंप मच गया जब कुछ भालुओं ने खाने की खोज में कई घरों, धर्मशालाओं के दरवाजे तोड़ दिए। इसी दौरान मंदिर में तपस्या कर रहे कुछ साधुओं ने इस घटना की जानकारी भवन स्वामियों को दी। इसके बाद भवन स्वामी ने इस बात की शिकायत जिला प्रशासन और वन विभाग से की।
तपस्या कर रहे साधुओं ने भवन स्वामियों को दी घटना की जानकारी
दरअसल शीतकाल में बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद रहते हैं। इसी दौरान वहां रहने वाले लोग अपने घर छोड़कर निचले स्थानों पर आ जाते हैं। वहीं, शीतलहर के कारण खाली घर बर्फ से ढके रहते है। इसी कड़ी में खाने की खोज करते हुए कुछ भालू बदरीनाथ आ गए। जहां भालुओं ने खाना ढूंढते हुए कई घरों के धर्मशालाओं के दरवाजे तोड़ दिए। इस घटना से बदरीनाथ में हड़कंप मच गया। इसी दौरान कुछ साधु मंदिर में तपस्या कर रहे थे। उन्होंने घटना की जानकारी भवन स्वामियों को दी।

'भालू के झुंड ने बदरीनाथ में मचाया उत्पात'
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे भवन स्वामियों ने जिला प्रशासन से इस बात की शिकायत की। उन्होंने जिला प्रशासन को बताया कि फरवरी में महायोजना का कार्य बंद होने के चलते बदरीनाथ धाम में सुरक्षा पर तैनात ITBP व मंदिर समिति के कर्मचारियों के अलावा आश्रमों में तपस्या कर रहे कुछ साधु संत ही मौजूद थे, इसी दौरान भालू के झुंड ने बदरीनाथ में उत्पात मचाया है। घटना के दौरान मंदिर में तप कर रहे बर्फानी बाबा ने इसकी सूचना उन्हें दी। भवन स्वामी मुकेश अलखानिया ने बताया कि बर्फानी बाबा ने उन्हें बताया कि इंद्र भवन अलखानिया मोहल्ले में उनके घरों के दरवाजे को तोड़कर भालू ने घर के अंदर रखे सामानों को नुकसान पहुंचाया है।
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बता दें कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी बदरीनाथ धाम सहित, माणा, नीती घाटी के गांवों में शीतकाल में भालुओं का आतंक देखा गया है। जहां पहले भी भालू खाने के लिए लोगों की घरों की छत फाड़कर और दरवाजे तोड़कर घरों के अंदर घुस जाते हैं।