उत्तराखंड सरकार की कौशल विकास योजना के तहत 15 युवाओं को जर्मनी में मिली नौकरी

Edited By Khushi, Updated: 29 Sep, 2024 11:21 AM

15 youth got jobs in germany under the skill development scheme

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 15 युवक-युवतियों को प्रशिक्षण पूरा करने से पहले ही जर्मनी में नर्सिंग क्षेत्र में 3.5 लाख रुपये मासिक वेतन पर नौकरी मिल गई है।

देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 15 युवक-युवतियों को प्रशिक्षण पूरा करने से पहले ही जर्मनी में नर्सिंग क्षेत्र में 3.5 लाख रुपये मासिक वेतन पर नौकरी मिल गई है। कोटद्वार निवासी प्रशांत रावत जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) का पाठ्यक्रम करने के बाद वर्तमान में देहरादून के एक निजी अस्पताल में कार्यरत हैं। अब वह यहां जर्मन भाषा में बी-2 प्रशिक्षण पूरा करने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद वह जर्मनी जाएंगे और वहां 2.5 से 3.5 लाख रुपये मासिक वेतन पर नौकरी शुरू करेंगे।

रावत ने कहा कि उन्हें पहले ही नौकरी का प्रस्ताव पत्र (ऑफर लेटर) मिल चुका है। देहरादून के त्यागी रोड निवासी अवंतिका इस योजना के तहत जर्मन भाषा का प्रशिक्षण लेने वालों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने बाहर से प्रशिक्षण लिया होता तो उन्हें चार लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते। उन्होंने कहा, “लेकिन उत्तराखंड सरकार की योजना के तहत आधे से भी कम लागत पर प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा, इसमें किसी भी तरह की धोखाधड़ी की संभावना नहीं है, क्योंकि चयन सरकार के माध्यम से किया जाता है।” सभी चयनित पुरुषों और महिलाओं को जर्मनी जाने और वहां अपना करियर बनाने के लिए दो साल का कार्य वीजा मिलेगा। देहरादून निवासी आस्था शर्मा ने बताया कि करीब एक साल के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पर औसतन डेढ़ लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें से 20 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है। आस्था का भी यूरोपीय देश में नौकरी के लिए चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि लागत का 20 प्रतिशत वीजा खर्च को भी कवर करता है टिहरी निवासी एक अन्य प्रशिक्षु काव्या चौहान ने बताया कि उन्होंने सरकारी नौकरी के लिए बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन योजना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने जर्मनी में अपना करियर बनाने का फैसला किया।

चौहान ने बताया कि उन्हें नौकरी के लिए ‘ऑफर लेटर' भी मिल गया है। देहरादून निवासी प्रवीण लिंगवाल ने बताया कि इस योजना की वजह से ही वह विदेश में काम करने की अपनी ख्वाहिश को पूरा कर पाए हैं। सभी चयनित युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस योजना की शुरुआत के लिए धन्यवाद दिया, जिससे उन्हें अपने सपने को साकार करने में मदद मिली। धामी ने भी उन्हें बधाई देने के साथ उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री के हवाले से एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, “उत्तराखंड में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हमारे युवा कड़ी मेहनत और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। हमारा प्रयास उन्हें कौशल प्रदान करके वैश्विक रोजगार के लिए तैयार करना है। ये युवा न केवल उत्तराखंड बल्कि विदेश में भी देश का नाम रोशन करेंगे। सभी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।”

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