Edited By Nitika, Updated: 04 Jun, 2024 07:59 PM
उत्तराखंड में मतगणना अपने अंतिम दौर में है। अभी तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर भारी अतंर से जीत की ओर बढ़ रही है। केन्द्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट सबसे अधिक 3,27,580 मतों से आगे चल रहे हैं।
देहरादूनः उत्तराखंड में मतगणना अपने अंतिम दौर में है। अभी तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर भारी अतंर से जीत की ओर बढ़ रही है। केन्द्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट सबसे अधिक 3,27,580 मतों से आगे चल रहे हैं।
- उत्तराखंड में पांचों सीट पर BJP आगे
- टिहरी गढ़वाल सीट से BJP की माला राज्य लक्ष्मी शाह को मिले 196788 वोट तो कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला को मिले 86415 वोट
- नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से BJP के अजय भट्ट आगे, कांग्रेस के प्रकाश जोशी पीछे
- हरिद्वार सीट से BJP के त्रिवेंद्र सिंह रावत कांग्रेस के वीरेंद्र रावत से 42955 वोटों से आगे
- गढ़वाल सीट से BJP के अनिल बलूनी आगे, कांग्रेस के गणेश गोदियाल पीछे
- अल्मोड़ा से BJP के अजय टम्टा आगे तो कांग्रेस के प्रदीप टम्टा पीछे
- शुरुआती रुझानों में भाजपा को मिली 2 सीटें
भाजपा ने तीन सीट पर पुराने चेहरों को ही तरजीह दी जबकि अन्य दो सीट पर नए उम्मीदवारों पर दांव लगाया। अब यह देखना रोचक होगा कि हरिद्वार में पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक' की जगह चुनाव मैदान में उतारे गए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पौड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की जगह टिकट पाने में सफल रहे पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी का परिणाम कैसा रहता है। हरिद्वार और पौड़ी, दोनों ही सीटों पर पूर्व में भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेता जीत चुके हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 2009 में हरिद्वार सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे लेकिन 2014 और 2019 में इस सीट पर निशंक ने जीत हासिल की।
लोकसभा सीट |
BJP उम्मीदवार |
कांग्रेस उम्मीदवार |
विजेता
|
अल्मोड़ा |
अजय टम्टा |
प्रदीप टम्टा |
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गढ़वाल |
अनिल बलूनी |
गणेश गोदियाल |
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टिहरी-गढ़वाल |
माला राज्य लक्ष्मी शाह |
जोत सिंह गुनसोला |
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नैनीताल-ऊधमसिंह नगर |
अजय भट्ट |
प्रकाश जोशी |
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हरिद्वार |
त्रिवेंद्र सिंह रावत |
वीरेंद्र रावत |
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पौड़ी में 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जीत हासिल की थी जबकि उससे पहले यहां से उनके राजनीतिक गुरू और पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी ने विजय प्राप्त की। वर्ष 2009 में यहां से सतपाल महाराज कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। नैनीताल, अल्मोड़ा और टिहरी लोकसभा सीट के परिणामों की भी बेसब्री से प्रतीक्षा की जा रही है जहां से भाजपा ने क्रमश: अजय भट्ट, अजय टम्टा और महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह को दोबारा मैदान में उतारा है। मतगणना से पूर्व आए लगभग सभी चुनाव सर्वेक्षणों में राज्य की सभी सीट पर भाजपा को विजय मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। लोग हरीश रावत के पुत्र और पहली बार चुनाव लड़ रहे वीरेंद्र रावत का भविष्य जानने को लेकर भी उत्सुक हैं, जो हरिद्वार में बतौर भाजपा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ मैदान में हैं। लोगों की जिज्ञासा पौड़ी से चुनाव लड़ रहे रावत के करीबी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल का परिणाम जानने में भी है, जो बलूनी के खिलाफ चुनावी समर में हैं।
अन्य सीट के मुकाबले इन दोनों ही सीट पर कांग्रेस को अच्छे परिणाम की उम्मीद है। फिलहाल प्रदेश में कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता हरीश रावत ने अपने पुत्र की जीत के लिए हरिद्वार में कड़ी मेहनत की है जहां मुसलमान और दलितों की संख्या अच्छी खासी है, जबकि पौड़ी में गोदियाल की जनसभाओं खासतौर पर मुसलमान और दलितों की अच्छी तादाद वाले क्षेत्रों में खासी भीड़ उमड़ी। प्रदेश में पांच में से केवल एक सीट पर भी जीत हासिल करना कांग्रेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा क्योंकि न केवल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव, बल्कि 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उसे पराजय का सामना करना पड़ा था। सभी सीट पर भाजपा और कांग्रेस सीधे मुकाबले में हैं लेकिन बसपा, उत्तराखंड क्रांति दल और निर्दलीयों सहित 50 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं।
बता दें कि लोकसभा सीटों हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल और अल्मोड़ा, पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हुआ था। अब लोगों की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार तीसरी बार प्रदेश की सभी पांच लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करेगी या वर्ष 2014 से अपना खाता खोलने में विफल रही।