Edited By Vandana Khosla, Updated: 10 Sep, 2024 11:09 AM
टिहरीः उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल के कठूड़ के ग्रामीणों ने अपने जल, जंगल, जमीन बचाने की मुहिम शुरू की है। वहीं ग्रामीणों ने इस मुहिम के तहत बाहरी लोगों को जमीन नहीं बेचने का फैसला लिया है। इसी के साथ ही ग्रामीणों ने जमीन की खरीद फरोख्त में जो भी...
टिहरीः उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल के कठूड़ के ग्रामीणों ने अपने जल, जंगल, जमीन बचाने की मुहिम शुरू की है। वहीं ग्रामीणों ने इस मुहिम के तहत बाहरी लोगों को जमीन नहीं बेचने का फैसला लिया है। इसी के साथ ही ग्रामीणों ने जमीन की खरीद फरोख्त में जो भी विचोलिया शामिल पाया जाएगा उसके खिलाफ उचित कार्रवाई का भी फैसला लिया है।
दरअसल, टिहरी के नरेन्द्रनगर विधानसभा का कठूड़ गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता और बहु मिश्रित खेती के लिए मशहूर है। इसके चलते प्रापर्टी डीलरों की इस पर पहले से ही नजर रही है। वहीं बीते कुछ समय से कठूड़ गांव में जमीन खरीद फरोख्त का धंधा जोरों से उठा है। इसमें गांव की करीब 18 से 20 नाली जमीन बाहरी लोगों ने खरीद ली है। इस दौरान बाहरी लोगों द्वारा ग्रामीणों का रास्ता रोक दिया गया है और साथ ही जल स्त्रोतों पर भी कब्जा कर लिया गया है। इसी के साथ गांव में बाहरी लोगों को आने से यहां का शांतिपूर्ण माहौल बिगड़ने लगा है।वहीं ग्रामीणों ने बीती 18 अगस्त 2024 को बैठक कर निर्णय लिया कि वो अपनी जमीन बाहरी लोगों को नहीं बेचेंगे और जो भी इस खरीद फरोख्त में शामिल पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं जमीन बाहरी लोगों को न बेचने के निर्णय को लेकर ग्रामीणों ने जगह जगह संबंधित बोर्ड लगा दिए है। ग्रामीणों का कहना है कि बाहरी लोगों द्वारा जन प्रतिनिधियों और कुछ स्थानीय लोगों को पैसे का लालच देकर गुमराह किया जा रहा है और उनके साथ जमीनों का सौदा किया जा रहा है। इसके चलते ग्रामीणों ने जो जमीन बिक गई है वहां पर भी कंस्ट्रक्शन का विरोध लेने का भी निर्णय लिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि बाहरी लोगों द्वारा विकास करने के नाम पर पहाड़ों पर कब्जा किया जा रहा है, जो कि भविष्य के लिए चिंता का विषय है। इसके लिए पहाड़ों में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है।वहीं आगे ग्रामीणों ने कहा कि प्रदेश में भू कानून को लेकर जहां प्रदेश में हर तरफ धरने प्रदर्शन और आंदोलन चल रहे है। इसमें देखने वाली बात होगी कि कठुड़ के ग्रामीणों ने अपने जल, जंगल और जमीन बचाने के लिए बाहरी लोगों को जमीन नहीं बेचने का जो फैसला लिया है वो भविष्य में कितना कारगर साबित होता है।