विहिप दीवाली से पहले जबरन धर्म परिवर्तन कर चुके हिंदुओं की 'घर वापसी' के लिए चलाएगी अभियान

Edited By Ramanjot, Updated: 26 May, 2023 02:24 PM

vhp to launch campaign for  ghar wapsi  of forcibly converted hindus

बैठक में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय सहित देश भर से आए करीब ढ़ाई सौ प्रमुख साधु संत तथा विहिप के पदाधिकारी भाग ले रहे हैं जिसमें दो दिन तक भूमि जिहाद, धर्मांतरण, घर वापसी, ‘लिव इन', समलैंगिक विवाह, हिंदु मंदिरो के अधिग्रहण...

हरिद्वारः विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) इस साल दीवाली से पहले धर्मांतरण के खिलाफ और जबरन धर्म परिवर्तन कर चुके हिंदुओं की 'घर वापसी' के लिए देशव्यापी अभियान चलाएगी। यहां कृष्णनिवास आश्रम में गुरुवार को शुरू हुई विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक में जबरन धर्मांतरण पर विस्तार से चर्चा के बाद यह अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। 

बैठक में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय सहित देश भर से आए करीब ढ़ाई सौ प्रमुख साधु संत तथा विहिप के पदाधिकारी भाग ले रहे हैं जिसमें दो दिन तक भूमि जिहाद, धर्मांतरण, घर वापसी, ‘लिव इन', समलैंगिक विवाह, हिंदु मंदिरो के अधिग्रहण और वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकारों पर चर्चा की जाएगी। बैठक के उद्घाटन सत्र में धर्मांतरण पर गंभीर चिंता जताई गई जहां संतो ने मुसलमानों तथा इसाई मिशनरियों द्वारा बड़े पैमाने पर किए जा रहे धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए हिंदु समाज में चेतना लाने की जरुरत बताई। विहिप के अध्यक्ष अलोक कुमार ने कहा कि देश भर मे हिंदुओं का धर्मांतरण चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि संत चाहते है कि धर्मपरिवर्तन कर चुके हिंदुओं की घर वापसी के लिए जनजागरण शुरू किया जाए। 

कुमार ने कहा कि इसके लिए दीवाली से 15 दिन पहले साधु-संत देश भर में ग्रामीण क्षेत्रों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की बस्तियों, वनवासी एवं आदिवासी क्षेत्रों में जाएंगे और वहां रूककर न केवल धर्मांतरण को रोकेंगे बल्कि धर्मपरिवर्तन कर चुके हिन्दुओं की घर वापसी भी कराएंगे। बैठक की अध्यक्षता करने वाले जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक़ में संतों ने ‘लिव इन' और समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की कोशिश को सनातन संस्कृति पर कुठाराघात बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हिदु समाज में विवाह एक पवित्र संस्था है और समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देना देश की संस्कृति और संस्कारो का अपमान होगा।'' संतो ने बैठक में केंद्र सरकार से समलैंगिक विवाह के खिलाफ कानून बनाने की मांग भी की। 

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