"IAS एसोसिएशन के सदस्यों से ‘‘सम्मानजनक व्यवहार'' करें", अधिकारियों ने समाज से की अपील

Edited By Vandana Khosla, Updated: 31 Mar, 2025 08:46 AM

treat ias association members with respect

देहरादूनः अवैध खनन के मुद्दे पर उत्तराखंड सरकार और हरिद्वार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत में टकराव के बीच राज्य की आईएएस एसोसिएशन ने रविवार को समाज से उसके सदस्यों के साथ ‘‘सम्मानजनक व्यवहार'' करने की अपील की। ‘उत्तराखंड...

देहरादूनः अवैध खनन के मुद्दे पर उत्तराखंड सरकार और हरिद्वार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत में टकराव के बीच राज्य की आईएएस एसोसिएशन ने रविवार को समाज से उसके सदस्यों के साथ ‘‘सम्मानजनक व्यवहार'' करने की अपील की। ‘उत्तराखंड आईएएस एसोसिएशन' के अध्यक्ष एवं नए मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में यहां हुई एक बैठक में एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि उसके सदस्यों को भी आम नागरिकों की भांति आत्मसम्मान और गरिमा का अधिकार प्राप्त है और किसी भी व्यक्ति, पदाधिकारी, संस्था, संगठन को ऐसे कथनों और संकेतों से बचना चाहिए जिससे एसोसिएशन के सदस्यों का आत्मसम्मान आहत होता हो या उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंचती हो।

एसोसिएशन ने कहा कि ऐसी स्थिति में अधिकारियों का मनोबल क्षीर्ण होने तथा उनकी दक्षता तथा कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उसने कहा, ‘‘अत: एसोसिएशन समाज के सभी पक्षों से एसोसिएशन के सदस्यों के प्रति व्यक्ति की गरिमा, आत्मसम्मान के अधिकार को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए सम्मानजनक व्यवहार की अपेक्षा रखता है।'' ‘उत्तराखंड आईएएस एसोसिएशन' के सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि एसोसिएशन ने इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक ज्ञापन के रूप में भेजने का भी निर्णय लिया है। सांसद और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रावत द्वारा हाल में दिए गए एक ‘‘विवादास्पद'' बयान के बाद एसोसिएशन ने यह प्रस्ताव पारित किया है। रावत ने हाल में संसद में उत्तराखंड में अवैध खनन का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में रात के समय अवैध रूप से खनन ट्रकों का संचालन किया जा रहा है जो न केवल कानून और पर्यावरण सुरक्षा के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी गंभीर खतरा बनता जा रहा है ।

उन्होंने कहा था, ‘‘खनन माफिया रात में ट्रकों में ओवरलोडिंग कर बिना किसी वैध अनुमति के धड़ल्ले से खनिजों का परिवहन कर रहे हैं जिससे सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे को भारी क्षति होने के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में भी लगातार वृद्धि हो रही है।'' रावत ने केंद्र और राज्य सरकारों से अवैध खनन रोकने के लिए ‘‘टास्क फोर्स'' बनाने का आग्रह भी किया था। रावत के राज्य में अवैध खनन की भयावह तस्वीर पेश करने से बचाव की मुद्रा में आयी राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के खनन सचिव बृजेश कुमार संत ने सफाई देते हुए इन आरोपों को ‘‘निराधार, असत्य और भ्रामक'' बताया तथा कहा कि इसका सबसे बड़ा प्रमाण उत्तराखंड गठन के बाद चालू वित्तीय वर्ष में खनन राजस्व में अब तक की सर्वाधिक वृद्धि होना है।

संत ने कहा, ‘‘यह राजस्व पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग सवा दोगुना है। यह पहली बार है, जब खनन राजस्व के लिए तय किया गया लक्ष्य, न केवल पूरा किया गया बल्कि उससे 200 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त किया गया। यह खनन विभाग की उपलब्धि है।'' उन्होंने दावा किया, ‘‘इससे यही साबित होता है कि प्रदेश में अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण लगा है।'' रात्रि में खनन ट्रकों के संचालन पर अधिकारी ने कहा कि शहरों में दिन में भारी वाहनों के संचालन की अनुमति न होने के कारण ही खनन ट्रक रात में चलते हैं।

संत ने यह भी स्पष्ट किया कि स्टोन क्रशर से निकलने वाला तैयार माल हमेशा वैध प्रपत्रों के साथ ही निकलता है। सचिव के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए रावत ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि उन्हें इस पर कुछ नहीं कहना है और कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। माना जा रहा है आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल के बाद ही आईएएस एसोसिएशन ने यह प्रस्ताव पारित किया। 

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