Edited By Vandana Khosla, Updated: 10 Oct, 2024 04:27 PM
चमोलीः सिखों के तीर्थ हेमकुंड साहिब के कपाट विधि विधान के साथ वर्ष की अंतिम अरदास के बाद शीतकाल के लिए दोपहर एक बजे बंद कर दिए गए हैं। इस दौरान हल्की बर्फबारी के बीच ढाई हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने दरबार साहब में वर्ष की अंतिम अरदास में शिरकत की।
चमोलीः सिखों के तीर्थ हेमकुंड साहिब के कपाट विधि विधान के साथ वर्ष की अंतिम अरदास के बाद शीतकाल के लिए दोपहर एक बजे बंद कर दिए गए हैं। इस दौरान हल्की बर्फबारी के बीच ढाई हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने दरबार साहब में वर्ष की अंतिम अरदास में शिरकत की।
जानकारी के अनुसार हेमकुंड के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के दौरान सबसे पहले सुबह सुखमनी साहिब का पाठ प्रारंभ हुआ। इसके बाद शब्द गायन करने के उपरांत वर्ष की अंतिम अरदास की गई। इसी बीच मुखवाक हुक्मनामा पढ़ने के बाद पंच प्यारों की अगुवाई में सेना के बैंड की धुनों में गुरु ग्रंथ साहिब को दरबार साहब से सचखंड में लाया गया। इसके चलते निश्चित समय पर गुरुद्वारे के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान हेमकुंड क्षेत्र में हल्की बर्फबारी शुरू हो गई थी। लेकिन आसमान से गिरती हल्की बर्फबारी के बीच भी सिख यात्रियों के जोश में कोई कमी नहीं दिखी। वहीं पूरा हेमकुंड क्षेत्र "जो बोले सो निहाल,सत श्री काल" के जयकारों से गुंजायमान रहा।
बता दें कि इस वर्ष 25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुले थे। इस दौरान वर्ष में एक लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने हेमकुंड साहिब के दर्शन किए। वहीं गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष ने हेमकुंड यात्रा सीजन के सफलतापूर्वक पूरा होने पर शासन प्रशासन के साथ तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों का आभार जताया।