Edited By Vandana Khosla, Updated: 21 Feb, 2025 11:39 AM
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देहरादूनः उत्तराखंड में सशक्त भूमि-कानून बनाने के लिए बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक पेश किया गया। जिसका उद्देश्य प्रदेश में भूमि की अंधाधुंध खरीद-फरोख्त पर...
देहरादूनः उत्तराखंड में सशक्त भूमि-कानून बनाने के लिए बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक पेश किया गया। जिसका उद्देश्य प्रदेश में भूमि की अंधाधुंध खरीद-फरोख्त पर रोक लगाना है।
सदन में विधेयक पेश किए जाने के बाद यहां जारी एक बयान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए भूमि संसाधन का बेहतर उपयोग किए जाने के लिए विधानसभा के पटल पर सख्त भूमि विधेयक पेश कर दिया गया है। यह निर्णय राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक विरासत और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और उनके विश्वास को कभी टूटने नहीं देगी। निश्चित तौर पर यह कानून प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा। राज्य के लोग लंबे समय से प्रदेश में एक सशक्त भू-कानून की मांग कर रहे थे।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सख्त भू-कानून पेश करने की अपनी मंशा पहली बार पिछले साल सितंबर में जाहिर की थी। उन्होंने तब बताया था कि नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर जमीन खरीदने के मामलों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा था कि लंबे समय से चली आ रही सख्त भू कानून की मांग पूरी की जाएगी। बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में भी धामी ने कहा कि यह भू कानून राज्य की जनता की भावनाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप है। राज्य के लोगों के अनुसार भूमि खरीद की ऊपरी सीमा न होने से प्रदेश की सीमित कृषि भूमि और कम हो रही है।