Edited By Nitika, Updated: 27 Aug, 2024 01:00 PM
चमोलीः पृथ्वी पर भू बैकुंठ कहे जाने वाले मोक्ष धाम बद्रीनाथ में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। दरअसल, बद्रीनाथ जी भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं, इसलिए बद्रीनाथ की जन्माष्टमी का अपना विशेष महत्व है। वहीं इस शुभ अवसर पर...
चमोलीः पृथ्वी पर भू बैकुंठ कहे जाने वाले मोक्ष धाम बद्रीनाथ में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। दरअसल, बद्रीनाथ जी भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं, इसलिए बद्रीनाथ की जन्माष्टमी का अपना विशेष महत्व है। वहीं इस शुभ अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
बद्रीनाथ धाम में जन्माष्टमी के अवसर पर स्थानीय हक हकूक धारियों समेत भारी तादाद में तीर्थ यात्री बद्रीनाथ पहुंचकर भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप के दर्शन करते हैं। इस अवसर पर सुबह से ही मंदिर को फूलों से सजा दिया गया था। इसके साथ विविध भक्त मंडली द्वारा बीती देर रात तक कीर्तन भजन किए गए। वहीं बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल अमरनाथ नंबूदरी ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान बद्री नारायण एवं महर्षि नारद की विशेष पूजा-अर्चना की। साथ ही बद्रीनाथ भगवान की पंचायत में मौजूद सभी देवी देवताओं की भी पूजा-अर्चना की गई।
बता दें कि कृष्ण जन्मोत्सव का कार्यक्रम रात्रि 10:45 बजे शुरू हुआ था। इस कार्यक्रम में रात्रि 12:00 बजे भगवान के जन्म उपरांत सभी ने कृष्ण के बाल स्वरूप का पालना झुलाया। इसके अतिरिक्त देर रात्रि तक लोग भजन संध्या में नाचते गाते रहे।