Edited By Vandana Khosla, Updated: 02 May, 2025 10:15 AM

देहरादूनः हरिद्वार नगर निगम द्वारा बाजार भाव से अधिक दर पर भूमि खरीदे जाने के प्रकरण में प्रथमद्रष्टया दोषी पाए गए चार अधिकारियों को निलंबित किया गया है। जबकि एक अन्य अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर नगर...
देहरादूनः हरिद्वार नगर निगम द्वारा बाजार भाव से अधिक दर पर भूमि खरीदे जाने के प्रकरण में प्रथमद्रष्टया दोषी पाए गए चार अधिकारियों को निलंबित किया गया है। जबकि एक अन्य अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर नगर निगम हरिद्वार द्वारा सराय गांव में भूमि खरीद मामले में यह सख्त कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, मामले में एक कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं।
हरिद्वार नगर निगम के नगर आयुक्त द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट में प्रथमदृष्टया गंभीर अनियमितता पाए जाने पर प्रकरण की विस्तृत जांच प्रदेश के गन्ना और चीनी विभाग के सचिव रणवीर सिंह चौहान को सौंपी गई थीं। जांच में पाया गया कि उक्त भूमि की खरीद के लिए गठित समिति के सदस्य के रूप में हरिद्वार नगर निगम के अधिशासी अधिकारी श्रेणी-2 (प्रभारी सहायक नगर आयुक्त) रविंद्र कुमार दयाल, सहायक अभियन्ता (प्रभारी अधिशासी अभियन्ता) आनंद सिंह मिश्रवाण, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट और अवर अभियंता दिनेश चन्द्र काण्डपाल ने अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया। इस आरोप में सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
प्रकरण में सेवा विस्तार पर कार्यरत सेवानिवृत्त सम्पत्ति लिपिक वेदपाल की भी संलिप्तता पाई गई। जिसके बाद सेवा विस्तार समाप्त करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही हरिद्वार नगर निगम की वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। पिछले दिनों सुर्खियों में रहे इस मामले में आरोप लगे थे कि हरिद्वार नगर निगम ने सराय गांव में करीब 38 बीघा जमीन 52 करोड़ रू में बाजार भाव से कहीं अधिक दर पर खरीदकर सरकारी धन का नुकसान किया। प्रकरण में हरिद्वार की नवनियुक्त महापौर किरण जैसल ने भी सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल इसकी जांच के आदेश दिए थे ।