Edited By Nitika, Updated: 26 Aug, 2024 10:10 AM
देहरादूनः उत्तराखंड में गैरसैंण सत्र के दौरान सरकार ने विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी कर दी है। इसी बीच अब कांग्रेस के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल का बड़ा बयान सामने आया है। दरअसल, गणेश गोदियाल ने बढ़ा हुआ भत्ता और सुविधाएं लेने...
देहरादूनः उत्तराखंड में गैरसैंण सत्र के दौरान सरकार ने विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी कर दी है। इसी बीच अब कांग्रेस के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल का बड़ा बयान सामने आया है। दरअसल, गणेश गोदियाल ने बढ़ा हुआ भत्ता और सुविधाएं लेने से साफ इंकार कर दिया है।
गणेश गोदियाल ने कहा कि पूर्व विधायक के नाते वे बढ़े भत्ते व अन्य सुविधाएं नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि वह विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बढ़े भत्ते और अन्य सुविधाएं न देने की मांग करेंगे। उत्तराखंड में कई विभागों में राज्य के युवा छह से आठ हजार की नौकरी कर रहे हैं और वेतन बढ़ाने की सालों से मांग कर रहे हैं। प्रदेश में जगह-जगह लोग आपदा की भारी मार झेल रहे है। इन लोगों को आपदा राहत राशि नहीं दी जा रही है। ऐसे में विधायकों और पूर्व विधायकों के भत्ते आदि बढ़ाने का लोगों में संदेश सही नहीं गया है।
वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से अपील की है कि विधायकों, पूर्व विधायकों के वेतन, भत्ते और अन्य सुविधा बढ़ाए जाने के लिए एक नियामक आयोग बनाया जाए। साथ ही उन्होंने कांग्रेस विधायक हरीश धामी की पीड़ा को जायज ठहराते हुए कहा कि सत्र की अवधि कम से कम 15 दिन होनी चाहिए। इस दौरान 70 एमएलए को अपनी क्षेत्र की समस्या रखनी हैं। गोदियाल ने कहा कि गैरसैंण सत्र के दौरान ही प्रदेश से जुड़े विशेष मुद्दों पर चर्चा होती है। उन्होंने सरकार व कांग्रेस विधान मंडल से अनुरोध किया कि आगे 15 दिन की सत्ता अवधि पर सहमति बने।