Edited By Vandana Khosla, Updated: 22 Oct, 2024 02:53 PM
देहरादूनः उत्तराखंड में दीपावली का त्यौहार आते ही प्रदेश में पाए जाने वाले उल्लुओं की जान खतरे में आ जाती है। दरअसल, तंत्र साधना से जुड़े लोग उनकी बलि चढ़ाने की दिशा में सक्रिय हो जाते हैं। उनका मानना है कि दीपावली के त्यौहार पर उल्लू की बलि देने से...
देहरादूनः उत्तराखंड में दीपावली का त्यौहार आते ही प्रदेश में पाए जाने वाले उल्लुओं की जान खतरे में आ जाती है। दरअसल, तंत्र साधना से जुड़े लोग उनकी बलि चढ़ाने की दिशा में सक्रिय हो जाते हैं। उनका मानना है कि दीपावली के त्यौहार पर उल्लू की बलि देने से उन्हें धन व संपत्ति का लाभ होगा। वहीं, इन पक्षियों के शिकार पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग ने विशेष अलर्ट जारी किया है।
दरअसल, दीपावली के दौरान तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास से जुड़े कारणों के बीच उल्लुओं के शिकार का खतरा काफी बढ़ जाता है। बता दें कि मां लक्ष्मी के वाहन माने जाने वाले उल्लुओं को तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए बलि देने की घटनाएं इस अवधि में सबसे अधिक होती हैं। वहीं, इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड वन विभाग ने सभी जिलों में उल्लुओं के शिकार पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर कर्मचारियों को सतर्क कर दिया गया है। साथ ही गुप्तचरों के जरिए उन तस्करों पर निगरानी तो रखी ही जाएगी बल्कि उनको पकड़ने की कवायद भी तेज कर दी गई है।
वहीं,विभाग के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते के बताया कि विभाग ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने की योजना भी बनाई है। इसमें स्थानीय लोगों को उल्लुओं के संरक्षण और उनके शिकार से होने वाले खतरों के बारे में जानकारी दी जाएगी।