लालकुआं में रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली अर्जी खारिज

Edited By Nitika, Updated: 18 May, 2023 02:38 PM

application seeking ban on removal of encroachment from railway land

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रेलवे द्वारा लालकुआं में अपनी भूमि पर बसे अवैध कब्जाधारकों को उसे खाली करने का नोटिस दिए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी।

 

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रेलवे द्वारा लालकुआं में अपनी भूमि पर बसे अवैध कब्जाधारकों को उसे खाली करने का नोटिस दिए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी।

उच्च न्यायालय के आदेश ने क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का रास्ता साफ कर दिया है। इससे करीब चार हजार लोग प्रभावित हो सकते हैं। भूमि पर निवास कर रहे लोगों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमू​र्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने की। रेलवे की ओर से पेश अधिवक्ता राजीव शर्मा ने अदालत को सूचित किया कि 2018 में रेलवे और राज्य सरकार ने नैनीताल जिले के लालकुआं में निरीक्षण किया था, जिसमें 84 अवैध निर्माणों का पता चला था। उन्होंने कहा कि रेलवे की जमीन पर फिलहाल टिन शेड डालकर करीब चार हजार लोग रह रहे हैं।

वहीं शर्मा ने कहा कि लालकुआं रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण के लिए जमीन की जरूरत है, जिससे उसे अमृत भारत योजना से जोड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि रेलवे ने अतिक्रमण को हटाने के लिए जिला प्रशासन से पुलिस सुरक्षा तथा सहायता देने का आग्रह किया है।
 

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