Edited By Nitika, Updated: 24 Jul, 2024 11:00 AM
रुड़कीः उत्तराखंड के कोतवाली रुड़की में एक महिला की तहरीर के आधार पर चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें संजीव वर्मा एडवोकेट का भी नाम शामिल है। वहीं बीते मंगलवार को रामनगर कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं ने पत्रकार वार्ता कर अधिवक्ता...
रुड़कीः उत्तराखंड के कोतवाली रुड़की में एक महिला की तहरीर के आधार पर चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें संजीव वर्मा एडवोकेट का भी नाम शामिल है। वहीं बीते मंगलवार को रामनगर कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं ने पत्रकार वार्ता कर अधिवक्ता के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे पर रोष प्रकट किया। अधिवक्ताओं का कहना है कि पुलिस को अधिवक्ताओं पर कोई मुकदमा दर्ज करने से पहले मामले की जांच करनी चाहिए। अगर ऐसी परिस्थिति रही तो कोई भी अधिवक्ता किसी पीड़ित के लिए न्याय की लड़ाई नहीं लड़ेगा। वहीं अधिवक्ताओं ने मुकदमा वापस लेने की मांग की है तथा वापस न लेने की स्थिति में आगामी रणनीति बनाने की बात भी कही है।
पूर्व अध्यक्ष अतुल शर्मा ने कही ये बात
इस मामले में एडवोकेट्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अतुल शर्मा ने बताया कि एक महिला की तहरीर पर सिविल लाइंस पुलिस ने प्लाट पर कब्जा, गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में अधिवक्ता संजीव वर्मा समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर अधिवक्ताओं में रोष है। उन्होंने आगे कहा कि अगर पुलिस अधिवक्ताओं के खिलाफ इसी तरह मुकदमा दर्ज करती रही तो अधिवक्ता पीड़ित को न्याय दिलवाने की लड़ाई लड़ना छोड़ देगा। एडवोकेट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को विश्वास में लेकर ही पुलिस को इस प्रकार के मामलों में कोई कदम उठाना चाहिए था।
अधिवक्ताओं ने रणनीति बनाने की कही बात
बता दें कि अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर अधिवक्ताओं ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि अगर पुलिस ऐसे करेगी तो अधिवक्ताओं को भी रणनीति बनानी पड़ेगी। पीड़ित अधिवक्ता संजीव वर्मा ने कहा कि वह पीड़ित महिला के न्याय की लड़ाई उसके पक्षकार के रूप में लड़ रहे हैं और पुलिस अधिवक्ता के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर पीड़ितों के न्याय में बाधा बन रही है।