Edited By Ramanjot, Updated: 20 Jul, 2024 12:51 PM
उत्तरकाशीः देश की सीमाओं को दुश्मन से सुरक्षित रखने वाली सेना अब सीमा पर बसे प्रथम गांवों के विकास में भी योगदान दे रही है। इस कड़ी में केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला के नेलांग और जादूंग गांव की पुनर्स्थापना...
उत्तरकाशीः देश की सीमाओं को दुश्मन से सुरक्षित रखने वाली सेना अब सीमा पर बसे प्रथम गांवों के विकास में भी योगदान दे रही है। इस कड़ी में केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला के नेलांग और जादूंग गांव की पुनर्स्थापना के लिए सेना ने सात योजनाएं तैयार की हैं। इन योजनाओं को पूरा करने के लिए ऑपरेशन सद्भावना शुरू किया गया है। इनके तहत गांवों में मूलभूत सुविधाओं का विकास करने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
गांवों की पुनर्स्थापना से लौटेगी रौनक
दरअसल, उत्तरकाशी जिला के नेलांग और जादूंग गांवों को वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान सुरक्षा के लिहाज से सेना ने खाली करवाया था। उस समय नेलांग में 80, जबकि जादूंग में 23 से अधिक परिवार रहते थे। तब से ये परिवार डूंडा वीरपुर और बगोरी गांव में रह रहे हैं। वहीं नेलांग और जादूंग गांवों को पुनर्स्थापित करके सेना इन स्थानों की रौनक लौटाने जा रही है।
आजीविका संवर्द्धन व पर्यटन का होगा विकास
बता दें कि अब सरकार ने इन दोनों गांवों में आजीविका संवर्द्धन व पर्यटन विकास की दिशा में कसरत शुरू की है। पहले चरण में जादूंग गांव में 6 होम स्टे बनाने की स्वीकृति मिली है। इसके बाद 17 और होम स्टे बनाए जाएंगे। वहीं इन गांवों में संचार और विद्युत सुविधा का विस्तार भी किया जाएगा। इसके साथ ही भैरव घाटी से लेकर जादूंग तक ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की संभावना भी जताई जा रही है।