Edited By Vandana Khosla, Updated: 20 Mar, 2025 09:42 AM

नैनीतालः यौन शोषण के आरोपी उत्तराखंड के लालकुआं दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश सिंह बोरा की जमानत पर बुधवार को उच्च न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। आरोपी के जमानत प्रार्थना पत्र पर न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की पीठ में सुनवाई हुई। आरोपी की ओर से कहा...
नैनीतालः यौन शोषण के आरोपी उत्तराखंड के लालकुआं दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश सिंह बोरा की जमानत पर बुधवार को उच्च न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। आरोपी के जमानत प्रार्थना पत्र पर न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की पीठ में सुनवाई हुई। आरोपी की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है और उसे राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया गया है। उस पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो एक्ट) भी ग़लत लगाया गया है।
आरोपी की ओर से कहा कि पीड़ति महिला ने वर्ष 2022 की कथित घटना के खिलाफ वर्ष 2024 में मामला दर्ज कराया। साथ ही जब पीड़ित महिला ने मामला दर्ज कराया तब अपनी पुत्री से यौन शोषण का आरोप नहीं लगाया था। यह बाद में अलग से जोड़ा गया। दूसरी ओर अभियोजन पक्ष कि ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि आरोपी ने दुग्ध संघ में स्थायी नौकरी दिलाने के नाम पर पीड़िता का यौन शोषण किया। आरोपी के खिलाफ यौन शोषण के आ रहे आरोपों की पुष्टि होती है। यह भी कहा कि आरोपी फरार हो सकता है। अंत में अदालत ने जमानत प्रार्थना पत्र पर निर्णय सुरक्षित रख लिया।
बता दें कि बोरा पर दुग्ध संघ में आउटसोर्स पर काम करने वाली एक महिला ने तीन साल पहले यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर पिछले साल लालकुआं पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था । पीड़िता ने पुलिस जांच में अपनी नाबालिग लड़की से भी छेड़खानी की बात कही है। महिला के बयान के बाद पुलिस ने पोक्सो की धारा भी आरोपित कर दी थी।