Edited By Vandana Khosla, Updated: 09 Nov, 2024 01:07 PM
रूड़कीः रूड़की के धनौरी स्थित हरिओम सरस्वती कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। बता दें कि संगोष्ठी का आयोजन भारत सरकार के वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग शिक्षा मंत्रालय के तत्वाधान में किया गया। इस दौरान मीडिया माध्यमों के...
रूड़कीः रूड़की के धनौरी स्थित हरिओम सरस्वती कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। बता दें कि संगोष्ठी का आयोजन भारत सरकार के वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग शिक्षा मंत्रालय के तत्वाधान में किया गया। इस दौरान मीडिया माध्यमों के लिए नई तकनीकी शब्दावली का निर्माण किया गया।
"युवा पीढ़ी को कैरियर बनाने में मिलेगी मदद"
संगोष्ठी में आयोग से पहुंचे सहायक वैज्ञानिक अधिकारी डॉक्टर आकाश मोहन रावत ने बताया कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य उच्च शिक्षा में ज्यादा से ज्यादा भारतीय भाषाओं में तकनीकी शब्दों का प्रयोग कर आगे बढ़ना है। इसी के साथ ही युवा पीढ़ी को कैरियर बनाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की संगोष्ठी लगातार पूरे भारत में चलती हैं। जिनका लाभ शिक्षा से जुड़े लोगों को मिलता है। संगोष्ठी समन्वयक हिंदी विभाग प्रभारी अंजू शर्मा ने बताया कि नई शिक्षा नीति के अनुसार वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा आयोजित संगोष्ठी में राष्ट्रीय स्तर के अध्यापकों को भी आमंत्रित किया गया है। इस के द्वारा बच्चों को नई जानकारी दी जा सकेगी। उन्होंने बताया कि आयोग के निदेशक ने वर्चुअली व्याख्यान दिया जोकि संगोष्ठी में पहुंचे अध्यापक और शोधार्थियों को बहुत लाभ मिलेगा।
"नई तकनीकी शब्दावली मौजूदा समय की जरूरत"
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार कुमार अतुल ने कहा कि मीडिया माध्यमों के लिए नई तकनीकी शब्दावली का निर्माण मौजूदा समय की जरूरत है। बता दें कि पत्रकारों को वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली से रूबरू कराने के लिए आयोग की ओर से सराहनीय कार्य किया जा रहा है।