Edited By Ramanjot, Updated: 05 Jul, 2024 04:16 PM
![take action on allegations against director of education high court](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_7image_16_06_240980558uk3-ll.jpg)
सरकार की ओर से आज कहा गया कि आरोपों की निरीक्षण कर रही है। अंतिम कार्रवाई से पहले प्रतिवादी का पक्ष जानना जरूरी है। दूसरी ओर प्रतिवादी बिष्ट की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता का आपराधिक इतिहास है और आपराधिक मामलों में आठ अभियोग दर्ज हैं। पूर्वाग्रह से...
नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) महाबीर सिंह बिष्ट के खिलाफ अनियमितताओं के मामले में 10 दिन के अंदर उचित कार्रवाई कर प्रगति रिपोर्ट अदालत में सौंपने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ ने बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष और लोकसभा चुनाव में टिहरी से निर्दलीय प्रत्याशी बाबी पवार की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी किए।
आपराधिक मामलों पर भी जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा
सरकार की ओर से कहा गया कि आरोपों की निरीक्षण कर रही है। अंतिम कार्रवाई से पहले प्रतिवादी का पक्ष जानना जरूरी है। दूसरी ओर प्रतिवादी बिष्ट की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता का आपराधिक इतिहास है और आपराधिक मामलों में आठ अभियोग दर्ज हैं। पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उनके खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आरोपी के खिलाफ प्राथमिक जांच में आरोपों की पुष्टि हो चुकी है। इसके बावजूद सरकार की ओर से आरोपी को पदोन्नति देकर माध्यमिक शिक्षा का निदेशक बना दिया गया है। अंत में अदालत ने सरकार को निर्देश दिए कि 10 दिन में पूरी कार्रवाई कर प्रगति रिपोर्ट अदालत में सौंपे। अदालत ने सरकार को याचिकाकर्ता के आपराधिक मामलों को लेकर भी जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक पद पर रहते हुए बिष्ट के कार्यकाल में सहायक अध्यापक एलटी ग्रेड के शिक्षकों के वर्ष 2023-24 में स्थानांतरण, अपने रिश्तेदार की नियुक्ति प्रक्रिया में अनुचित लाभ पहुंचाने के साथ ही विधि अधिकारी की नियुक्ति में हेराफेरी की गई है। विभागीय जांच के पश्चात रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा सचिव के पास भेजी गई है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।