Edited By Vandana Khosla, Updated: 12 Aug, 2025 02:25 PM

उत्तरकाशीः उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त धराली गांव में मलबे में दबे लोगों की तलाश मंगलवार को ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार' (जीपीआर) की मदद से शुरू कर दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि विशेषज्ञों की टीम उन जगहों की पहचान करेगी और ध्यान...
उत्तरकाशीः उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त धराली गांव में मलबे में दबे लोगों की तलाश मंगलवार को ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार' (जीपीआर) की मदद से शुरू कर दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि विशेषज्ञों की टीम उन जगहों की पहचान करेगी और ध्यान देगी जहां मलबे के नीचे मानव उपस्थिति हो सकती है। ‘जीपीआर' एक भूभौतिकीय विधि है जो सतह के नीचे वस्तुओं और संरचनाओं का पता लगाने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करती है। कीचड़ और पानी की उपस्थिति के बीच भी संस्थान के ये रडार मानव उपस्थिति का पता लगा सकते हैं।
धराली में मलबे में लापता लोगों के जीवित होने की कम संभावना
संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम सोमवार शाम धराली पहुंची। हालांकि, पांच अगस्त को खीर गंगा नदी में आई भीषण बाढ़ से तबाह हुए धराली गांव में जमा मलबे में लापता लोगों के जीवित होने की संभावना समय बीतने के साथ और कम होती जा रही है। गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय ने सोमवार को आपदा में 43 लोगों के लापता होने की पुष्टि की। जिसमें से धराली गांव के 32 वर्षीय आकाश पंवार का शव आपदा के अगले दिन बरामद किया गया था। उन्होंने बताया कि शेष लापता 42 लोगों में सेना के नौ जवानों के अलावा धराली गांव के आठ, आसपास के क्षेत्रों के पांच, टिहरी जिले का एक, बिहार के 13 और उत्तर प्रदेश के छह व्यक्ति शामिल हैं।
लगातार बारिश होने से आ रही अड़चनों के बीच तलाश अभियान जारी
पाण्डेय ने बताया कि इनके अतिरिक्त नेपाल के 29 मजदूरों के लापता होने की भी सूचना मिली, हालांकि मोबाइल फोन नेटवर्क बहाल होने के बाद इनमें से पांच लोगों के साथ संपर्क हो चुका है। उन्होंने बताया कि शेष 24 मजदूरों के संबंध में उनके ठेकेदारों से अधिक विवरण नहीं मिल पाया और संबंधित ठेकेदारों से मजदूरों के बारे में जानकारी जुटाने को कहा गया है। पाण्डेय ने बताया कि माना जा रहा है कि इन पांच मजदूरों की तरह शेष अन्य मजदूर भी सुरक्षित हो सकते हैं। उधर, धराली समेत उत्तरकाशी के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश होने से आ रही अड़चनों के बीच तलाश, बचाव अभियान और आपदाग्रस्त क्षेत्र तक सड़क संपर्क बहाल करने का कार्य जारी है।