Edited By Nitika, Updated: 18 Aug, 2024 09:14 AM
उत्तराखंड के उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धन सिंह रावत ने उच्च शिक्षा निदेशालय में आवासीय भवनों के साथ ही सुशीला तिवारी चिकित्सालय में डीजी सेट, लिफ्ट और रेडियोग्राफी मशीन का लोकार्पण किया।
नैनीतालः उत्तराखंड के उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धन सिंह रावत ने उच्च शिक्षा निदेशालय में आवासीय भवनों के साथ ही सुशीला तिवारी चिकित्सालय में डीजी सेट, लिफ्ट और रेडियोग्राफी मशीन का लोकार्पण किया।
उच्च शिक्षा निदेशालय में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि गौला पार में डिग्री कॉलेज के लिए भूमि का चिन्हीकरण कर लिया गया है। जल्द ही डिग्री कॉलेज के लिए भूमि उपलब्ध करवा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी उच्च शिक्षा के तहत सभी कॉलेजों में शत प्रतिशत पुस्तकों के साथ ही भवन, खेल सामग्री, पुस्तकालय, फर्नीचर और शौचालय उपलब्ध करवा दिए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि उच्च शिक्षा का यूके एवं इंफोसिस के साथ एमओयू होने से राज्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करेगा और छात्रों को नया अनुभव मिल सकेगा। उनकी सरकार का यह अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली से जोड़ने का महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए निरंतर नई योजनाओं का संचालन कर रही है। उच्च शिक्षा की पढ़ाई के बाद युवा खाली न बैंठे, इसके लिए भी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। यही नहीं उन्होंने कहा कि उनकी सरकार शोध छात्रों को प्रोत्साहन राशि दे रही है। टॉपर्स को 1500 रुपए की राशि प्रतिमाह दी जाएगी। साथ ही उद्यामिता के लिए 20 बच्चों का चन किया गया है। साथ ही उच्च शिक्षा के तहत रोजगारपरक योजनाएं संचालित की जा रही है।
वहीं इससे पहले रावत ने 189.63 की लागत से उच्च शिक्षा निदेशालय में टाइप-2 भवनों का लोकार्पण किया जबकि लगभग 93 लाख की लागत से बनने वाले कांफ्रेस हाल और कौशल विकास केन्द्र का शिलान्यास किया। इसके पश्चात् चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री रावत ने सुशीला तिवारी चिकित्सालय में 6.74 करोड़ की लागत से निर्मित्त तीन नई लिफ्टों, डायनेमिक डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन और 1010 केवीए के डीजी सेट का लोकार्पण किया। इसके पश्चात् उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों को अत्याधुनिक मॉडल के रूप में विकसित कर रही है। मेडिकल कॉलेजों में उपकरणों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। साथ ही चिकित्सकों और तकनीशियनों के रिक्त पदों को भी जल्द भर दिया जाएगा।