Edited By Vandana Khosla, Updated: 02 Sep, 2024 08:54 AM
चमोलीः उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के बैनर तले मूल निवास, भू-कानून व स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर विशाल महारैली का आयोजन किया गया। बीते रविवार को प्रदेश भर से उत्तराखंड में इन मांग को लेकर...
चमोलीः उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के बैनर तले मूल निवास, भू-कानून व स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर विशाल महारैली का आयोजन किया गया। बीते रविवार को प्रदेश भर से उत्तराखंड में इन मांग को लेकर हजारों की संख्या में महिला मंगल दलों, पुरुषों, स्थानीय निवासियों, व्यापारियों,राजनीतिक दलों ने महारैली में प्रतिभाग किया। इस दौरान गैरसैंण पहुंचे आंदोलनकारियों ने रामलीला मैदान गैरसैंण से डाकबंगला रोड होते हुए जोरदार प्रदर्शन व नारेबाजी की।
जानकारी के अनुसार बीते रविवार को गैरसैंण के रामलीला मैदान में आयोजित महारैली से पूर्व उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान खटीमा गोलीकांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों को संघर्ष समिति ने श्रद्धांजलि दी व नम आंखों से शहीदों को याद किया। वहीं आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि आज ये लड़ाई प्रदेश के अस्त्तित्व को बचाने की लड़ाई बन चुकी है। उन्होंने कहा कि हमे इस लड़ाई को मजबूती के साथ लड़ने की आवश्यकता है,जिससे हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित हो सके। इसी के साथ कहा कि हमारी ये लड़ाई मूल निवास, भू कानून ,स्थायी राजधानी गैरसैंण व अपने जल-जंगल,रोजगार को बचाने की लड़ाई है। पंवार ने कहा कि यह आंदोलन एक जन-आंदोलन है। अब वक़्त आ गया है कि हमे अपने अधिकारों की लड़ाई को लड़ने के लिए एक होना होगा।
वहीं संघर्ष समिति के गढ़वाल संयोजक अरुण नेगी ने कहा कि लगातार उत्तराखंड की डेमोग्राफी चेंज हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश से पलायन होने के बावजूद 40 लाख बाहरी लोग उत्तराखंड के स्थायी निवासी बन गए हैं। जिस कारण आज हमारे रोजगार पर भी बाहरी लोगों द्वारा डाका डाला जा रहा है। यही कारण है कि आज प्रदेशवाशी मूल-निवास,सशक्त भू कानून की मांग कर रहा है। इसके अतिरिक्त गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी बनाया जाना चाहिए जिससे पहाड़ों की मूल भूत समस्याओं का समाधान हो सके।