Edited By Vandana Khosla, Updated: 01 Oct, 2024 10:10 AM
चमोलीः उत्तराखंड के औली में भारत-कजाकिस्तान का संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया जा रहा है। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास 13 अक्टूबर तक चलेगा। इस अभ्यास में कुमाऊं रेजिमेंट और वायु सेना के कर्मी शामिल हैं। इस अभियान के दौरान भारत और कजाकिस्तान की सेना...
चमोलीः उत्तराखंड के औली में भारत-कजाकिस्तान का संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया जा रहा है। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास 13 अक्टूबर तक चलेगा। इस अभ्यास में कुमाऊं रेजिमेंट और वायु सेना के कर्मी शामिल हैं। इस अभियान के दौरान भारत और कजाकिस्तान की सेना आतंकवाद विरोधी अभियानों का अभ्यास करेंगी।
संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘काजिंद-2024’
संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘काजिंद-2024’ से दोनों पक्षों को संयुक्त संचालन की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम उपायों को साझा करने का अवसर मिलेगा। भारत और कजाकिस्तान के बीच यह 8वां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘काजिंद-2024’ है। इससे दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन, सहयोग और सौहार्द विकसित करने में मदद मिलेगी।
दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग
संयुक्त अभ्यास से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग भी बढ़ेगा, जिससे दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूती आएगी। संयुक्त अभ्यास के दौरान सामरिक अभ्यासों में आतंकवादी कार्रवाई के खिलाफ संयुक्त जवाबी कार्रवाई, संयुक्त कमान पोस्ट की स्थापना की जाएगी। खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना, हेलीपैड और लैंडिंग स्थल की सुरक्षा भी इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का हिस्सा है।
13 अक्टूबर को युद्धाभ्यास का समापन
कॉम्बैट फ्री फॉल, विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन, घेराव और तलाशी अभियान के अलावा ड्रोन और काउंटर ड्रोन सिस्टम का उपयोग आदि भी इसमें शामिल हैं। सोमवार को सूर्या विदेशी प्रशिक्षण नोड, उत्तराखंड के औली में यह संयुक्त अभ्यास शुरू हुआ। इस युद्धाभ्यास का समापन 13 अक्टूबर को होगा। यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों के बीच वर्ष 2016 से प्रति वर्ष होता आ रहा है। पिछला संयुक्त अभ्यास 30 अक्टूबर से 11 नवंबर 2023 तक कजाकिस्तान के ओटार में आयोजित किया गया था।
120 जवान संयुक्त अभ्यास में ले रहे हिस्सा
औली में भारतीय सशस्त्र बलों के 120 जवान इस संयुक्त अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन, अन्य सैन्य अंगों के साथ-साथ भारतीय वायु सेना के कर्मी शामिल हैं। वहीं, कजाकिस्तान की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से थल सेना और वायु सेना के जवानों द्वारा किया जाएगा। संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य आतंकवाद विरोधी अभियान में दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है। यह संयुक्त अभ्यास अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में कार्रवाई संचालन पर केंद्रित रहेगा। संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, सामरिक स्तर पर संचालन के लिए अभ्यास और इसमें सुधार तथा सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।