Edited By Vandana Khosla, Updated: 31 Oct, 2024 09:49 AM
ऊधम सिंह नगर : उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, रुद्रपुर के गांधी पार्क में आमरण अनशन पर बैठी एक महिला श्रमिक ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है। महिला ने लिखा है कि अगर अनशन के...
ऊधम सिंह नगर : उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, रुद्रपुर के गांधी पार्क में आमरण अनशन पर बैठी एक महिला श्रमिक ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है। महिला ने लिखा है कि अगर अनशन के दौरान उसकी मृत्यु होती है तो उसके शव का अंतिम संस्कार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खटीमा आवास के बाहर किया जाए। महिला श्रमिक के पत्र लिखने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा और पुलिसकर्मियों ने अनशन स्थल पर पहुंचकर महिला श्रमिक को उठाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।
दरअसल,पंतनगर सिडकुल की डॉल्फिन कंपनी में काम करने वाली महिला श्रमिक पिंकी गंगवार ने देश के पीएम नरेंद्र मोदी के नाम खत लिखा है। इसमें महिला ने अपने शव का दाह संस्कार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के घर के बाहर किए जाने की इच्छा जताई है। महिला श्रमिक का कहना है कि वह पंतनगर सिडकुल की डॉल्फिन कंपनी में काम करती थी, इस दौरान फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा श्रमिकों को कंपनी बेस से हटकर ठेका प्रथा पर रखने का निर्णय लिया। इसके विरोध में श्रमिकों के द्वारा पिछले दो माह से धरना प्रदर्शन किया जा रहा था, लेकिन जब इसके बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो कई महिला और पुरुष श्रमिकों के द्वारा पिछले 8 दिनों से आमरण अनशन शुरू किया गया है। बताया गया कि जिला प्रशासन और फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा उनकी मांग पूरी नहीं की जा रही।
वहीं, महिला श्रमिक ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जो खुद प्रदेश के श्रम मंत्री भी हैं, वह भी मजदूरों की बात नहीं सुन रहे। पिंकी गंगवार ने कहा कि अगर अनशन के दौरान उसकी मृत्यु होती है तो मुख्यमंत्री धामी के खटीमा आवास के बाहर उसका दाह संस्कार किया जाए। इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा और रुद्रपुर के गांधी पार्क में बीते मंगलवार देर रात पुलिस प्रशासन पहुंच गया। पुलिस के द्वारा महिला श्रमिक प्रीति गंगवार को अनशन से उठाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अतिरिक्त अनशन से उठने के दौरान पुलिस और श्रमिकों में काफी नोकझोंक भी हुई है।