Edited By Vandana Khosla, Updated: 04 Aug, 2025 02:34 PM

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाए गए एक वैक्सीन वैज्ञानिक की दोषसिद्धि और पांच साल की जेल की सजा पर रोक लगा दी है । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर से पीएचडी की उपाधि प्राप्त आकाश यादव...
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाए गए एक वैक्सीन वैज्ञानिक की दोषसिद्धि और पांच साल की जेल की सजा पर रोक लगा दी है । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर से पीएचडी की उपाधि प्राप्त आकाश यादव को राहत देते हुए न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने कहा कि वैज्ञानिक की दोषसिद्धि को व्यापक जनहित में स्थगित किया गया है।
यादव को अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद बनाया गया था आरोपी
अदालत ने कहा कि दोषी वैज्ञानिक वैक्सीन शोध और विकास में सक्रिय रूप से लगा हुआ है और सजा के कारण वह अपना काम करने में असमर्थ है। न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि वैज्ञानिक का शोध व्यापक रूप से समाज के लिए महत्वपूर्ण है। यादव को अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद दहेज निषेध अधिनियम के तहत आरोपी बनाया गया था। उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर की एक अदालत ने, हालांकि, बाद में उन्हें दहेज संबंधी आरोपों से बरी कर दिया था। लेकिन, उन्हें अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का दोषी ठहराते हुए उन्हें पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
इस वजह से सजा के अमल पर लगाई गई रोक
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने वैज्ञानिक को जमानत दे दी थी और उनके द्वारा दायर अपील के लंबित रहने के दौरान सजा के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद यादव ने दोषसिद्धि पर ही रोक लगाए जाने की प्रार्थना करते हुए अपील दायर की और तर्क दिया कि वैक्सीन विकास का महत्वपूर्ण कार्य जारी रखना उनके लिए आवश्यक है। दोषसिद्धि के निलंबन और सजा के क्रियान्वयन से संबंधित विभिन्न कानूनी मामलों के आधार पर अदालत ने अपील का अंतिम निपटारा होने तक सजा के अमल पर रोक लगा दी।
बता दें कि यादव जैव प्रौद्योगिकी में पीएचडी हैं और एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं । पिछले तीन सालों से वह अग्रणी वैक्सीन निर्माता कंपनी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड में वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में कार्य कर रहे हैं और जनस्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय हित के लिए महत्वपूर्ण वैक्सीन अनुसंधान एवं विकास में सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।