Edited By Vandana Khosla, Updated: 12 Jun, 2025 08:39 AM

नैनीतालः उत्तरकाशी के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहायक प्रोफेसर रमेश सिंह को यौन शोषण के झूठे मामले में फंसाने के प्रकरण में उच्च शिक्षा महकमे के अपर सचिव, उप सचिव के अलावा सभी निजी प्रतिवादियों पर अवमानना की तलवार लटकी हुई है। सभी को 19 जून...
नैनीतालः उत्तरकाशी के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहायक प्रोफेसर रमेश सिंह को यौन शोषण के झूठे मामले में फंसाने के प्रकरण में उच्च शिक्षा महकमे के अपर सचिव, उप सचिव के अलावा सभी निजी प्रतिवादियों पर अवमानना की तलवार लटकी हुई है। सभी को 19 जून को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्दर और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ में सहायक प्रोफेसर से जुड़े प्रकरण में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सभी से पूछा कि क्यों न सभी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए। उत्तरकाशी के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अदालत में पेश हुए और जांच रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि जांच रिपोर्ट में कोई तथ्य नहीं पाए गए हैं। दूसरी ओर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अदालत की रोक के बावजूद कालेज प्रबंधन और उच्च शिक्षा महकमे ने याचिकाकर्ता और उसकी पत्नी सहायक प्रोफेसर को जांच के नाम पर उत्तरकाशी से पिथौरागढ़ संबद्ध कर दिया है।
अदालत ने सरकार का पक्ष जानना चाहा लेकिन मुख्य स्थायी अधिवक्ता कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। अदालत ने शासन और पुलिस के साथ ही कालेज प्रबंधन के रूख पर सख्त रवैया अपनाते हुए सभी प्रतिवादियों को 19 जून को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। यहां बता दें कि 14 अप्रैल को होने वाले अम्बेडकर जयंती के आयोजन को लेकर सहायक प्रोफेसर रमेश सिंह और कॉलेज प्रबंधन में विवाद हुआ। आरोप है कि कालेज प्रबंधन ने सहायक प्रोफेसर पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए लंबे अवकाश पर जाने का आदेश पारित किया।
आरोपी सहायक प्रोफेसर की ओर से इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई और अदालत ने आरोपी के खिलाफ सभी प्रकार की कार्यवाही पर रोक लगा दी। आरोप है कि उच्च न्यायालय की रोक के बावजूद उच्च शिक्षा विभाग ने सहायक प्रोफेसर और उसकी पत्नी को पिथौरागढ़ कालेज संबद्ध करने का आदेश पारित किया। पीड़ित पक्ष की ओर से इस आदेश को पुन: उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई और अदालत ने सहायक प्रोफेसर दंपत्ति का संबद्धीकरण आदेश पर भी रोक लगा दी। साथ ही सभी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।