Edited By Vandana Khosla, Updated: 22 Jul, 2025 11:30 AM

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ऊधम सिंह नगर जिले के सितारगंज स्थित केन्द्रीय कारागार (जेल) में कैदियों के साथ हो रही बर्बरता और चिकित्सा के अभाव के मामले में सरकार को वस्तुस्थिति स्पष्ट करने को कहा है। नाबालिग यौन शोषण मामले में अदालत से दोषी...
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ऊधम सिंह नगर जिले के सितारगंज स्थित केन्द्रीय कारागार (जेल) में कैदियों के साथ हो रही बर्बरता और चिकित्सा के अभाव के मामले में सरकार को वस्तुस्थिति स्पष्ट करने को कहा है। नाबालिग यौन शोषण मामले में अदालत से दोषी सुभान की पिटाई से जुड़े मामले में मुुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्दर और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ में देर शाम को सुनवाई हुई।
जेल महानिरीक्षक ने अदालत को बताया कि बंदी से मारपीट के आरोपी डिप्टी जेलर नवीन चौहान और सिपाही राम सिंह कपकोटी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह भी कहा कि जेल सुधार को लेकर सख्त कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जेल में बंदियों की चिकित्सा के लिए डाक्टरों की कमी है। तीन फार्मासिस्ट व्यवस्था देख रहे हैं। फिलहाल अस्पताल का निर्माण चल रहा है। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत से डाक्टरों की तैनाती के मामले में प्रदेश सरकार से जल्द स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। अदालत ने पुलिस महानिरीक्षक से नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सिर्फ दो लोगों को निलंबित किया गया है। जबकि पूरे जेल स्टाफ को हटाया जाना चाहिए था।
गौरतलब है कि पोक्सो मामले में जेल में बंद सुभान की कुछ दिन पहले जेल कर्मचारियों ने पिटाई कर दी थी। इससे सुभान को काफी चोट आई थी। पीड़ित की अधिवक्ता की ओर से इस मामले को विगत नौ जुलाई को अदालत के संज्ञान में लाया गया। इसके बाद अदालत ने ऊधम सिंह नगर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव से इस मामले की जांच कर रिपोर्ट अदालत में सौंपने के निर्देश दिए। रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद अदालत ने दोनों के निलंबन के आदेश जारी कर दिए।