Edited By Vandana Khosla, Updated: 27 Jan, 2025 09:06 AM
देहरादूनः हरिद्वार जिले की पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को खानपुर के विधायक उमेश कुमार के रुड़की स्थित कैंप कार्यालय पर गोलीबारी करने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह...
देहरादूनः हरिद्वार जिले की पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को खानपुर के विधायक उमेश कुमार के रुड़की स्थित कैंप कार्यालय पर गोलीबारी करने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। पत्रकार से नेता बने कुमार ने 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव में खानपुर निर्वाचन क्षेत्र से चैंपियन की पत्नी कुंवरानी देवयानी को पराजित किया था। जिसके बाद से ही दोनों के बीच तनातनी जारी है। पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए दोनों नेता पिछले कुछ दिनों से एक दूसरे पर टिप्पणियां कर रहे थे। बताया गया कि रविवार शाम खानपुर के पूर्व विधायक चैंपियन अपने समर्थकों के साथ कुमार के कैंप कार्यालय पहुंचे जहां दोनों के समर्थकों के बीच संघर्ष हुआ और लाठी-डंडों से हमला किया गया। पुलिस ने बताया कि चैंपियन ने हवा में गोलियां भी चलाई जिससे वहां हड़कंप मच गया। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ।
इस घटना की सूचना मिलने के बाद विधायक कुमार भी अपने समर्थकों के साथ चैंपियन के कार्यालय पहुंच गए। जहां जमकर हंगामा किया तथा ‘‘अपशब्द'' कहे। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो कथित तौर पर कुमार हाथ में पिस्तौल लेकर चैंपियन के कार्यालय के अंदर दौड़ते हुए जा रहे थे और गाली-गलौज कर रहे थे। कुमार ने आरोप लगाया कि चैंपियन ने दो दिन पहले सोशल मीडिया पर उनके साथ गाली-गलौज की थी और उनके माता-पिता के बारे में बेहद अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद कुमार शनिवार रात को लंढौरा स्थित चैंपियन के आवास पहुंचे और अपशब्द कहे। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि मामले में भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चैंपियन को देहरादून स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। वायरल हुए एक वीडियो में वह देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने से पुलिस वैन में जाते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि चैंपियन की ओर से मिली तहरीर के आधार पर विधायक उमेश कुमार के खिलाफ भी एक मुकदमा दर्ज किया गया है तथा कुमार और उनके समर्थकों को भी हिरासत में लिया गया है।
डोभाल ने बताया कि दोनों ही पक्षों के असलहों के लाइसेंस को निलंबित करने की सिफारिश हरिद्वार के जिलाधिकारी से की गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उन्हें दी गई सुरक्षा पर पुन:विचार करने का आग्रह भी किया है। डोभाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'' उधर, पुलिस हिरासत में चैंपियन ने संवाददाताओं से कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘खानपुर विधायक (उमेश कुमार) ने शनिवार रात लंढौरा में मेरे घर पर हमला किया और अपशब्द कहे। जब मैंने जवाब दिया तो पुलिस ने मुझे पकड़ लिया।'' चैंपियन की पत्नी कुंवरानी देवयानी ने दावा किया कि कुमार ने शनिवार को रात करीब साढ़े 10 बजे उनके आवास पर आकर कथित तौर पर ‘‘अपशब्द'' कहे जिसके बारे में उन्होंने पुलिस को सूचित करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने दावा किया, ‘‘पुलिस द्वारा सुनवाई नहीं किए जाने के बाद (चैंपियन ने) यह कदम उठाया।''
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कानून के साथ खिलवाड़ करना जनप्रतिनिधियों को शोभा नहीं देता है। एक बयान में भट्ट ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने और भय का माहौल उत्पन्न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कानून हाथ में लेने की अनुमति न पार्टी देती है और न ही देश का संविधान या कानून देता है।'' कांग्रेस के नौ अन्य विधायकों के साथ बगावत कर 2016 में भाजपा में शामिल हुए चैंपियन पहले भी अपने आचरण के कारण विवादों में आ चुके हैं। जुलाई 2019 में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह अपने समर्थकों के साथ शराब पीते और बंदूकों को हाथ में उठाए नृत्य करते दिखाई दे रहे थे। जिसके लिए उन्हें पार्टी से करीब एक साल तक निष्कासित किया गया। इससे पहले, जून 2019 में नई दिल्ली में उत्तराखंड निवास में एक पत्रकार को धमकी देने के आरोपों की जांच के बाद चैंपियन को पार्टी से तीन माह के लिए निलंबित किया गया था और उन पर पार्टी गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगा दी गई थी । उत्तराखंड में वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में हरिद्वार के खानपुर से विधायक चुने जाने के बाद से वह लगातार चार बार यहां से जीते। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा ने उनकी जगह उनकी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा था जो चुनाव हार गईं।