Edited By Vandana Khosla, Updated: 07 Aug, 2025 12:36 PM

देहरादूनः उत्तरकाशी में बड़ी तबाही ने प्रदेशभर में सभी का दिल दहला दिया है। इस घटना के बाद राजधानी देहरादून में नदी किनारे बसी मलिन बस्तियों पर संकट की आशंका जताई जा रही है। बताया गया कि दून में नदी किनारे करीब सवा लाख आबादी पर आपदा का साया है। ऐसे...
देहरादूनः उत्तरकाशी में बड़ी तबाही ने प्रदेशभर में सभी का दिल दहला दिया है। इस घटना के बाद राजधानी देहरादून में नदी किनारे बसी मलिन बस्तियों पर संकट की आशंका जताई जा रही है। बताया गया कि दून में नदी किनारे करीब सवा लाख आबादी पर आपदा का साया है। ऐसे में प्रशासन पर सवाल उठ रहा है कि अध्यादेश से बस्तियां बचाई गई है। लेकिन, उनका पुनर्वास नहीं हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार राजधानी देहरादून में नदी और नालों के किनारे 129 मलिन बस्तियां बसी हुई हैं। जिसमें करीब सवा लाख लोग आपदा के साय में जी रहे हैं। सूत्रों की मानें तो शासन-प्रशासन ने कई वर्षों से इन बस्तियों को अध्यादेशों के सहारे बचा तो लिया है, लेकिन बड़ा सवाल है कि आपदा आने पर इन जिंदगियों को कैसे बचाया जाएगा? वहीं, रिस्पना और बिंदाल नदियों के किनारे बसे इलाकों की हालत भी सबसे अधिक चिंताजनक बनी हुई है।