CM Dhami ने 1232 नर्सिंग अधिकारियों को सौंपा नियुक्ति पत्र, कहा- अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को दी जाएगी त्वरित चिकित्सा सेवाएं

Edited By Vandana Khosla, Updated: 28 Mar, 2025 01:00 PM

cm dhami handed over appointment letters to 1232 nursing officers

देहरादूनः उत्तराखंड के सभी मेडिकल कॉलेज में नवनियुक्त 1232 नर्सिंग अधिकारियों को गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने 26 करोड़ की लागत से बने दून मेडिकल कॉलेज के सभागार का...

देहरादूनः उत्तराखंड के सभी मेडिकल कॉलेज में नवनियुक्त 1232 नर्सिंग अधिकारियों को गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने 26 करोड़ की लागत से बने दून मेडिकल कॉलेज के सभागार का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने सभी नर्सिंग अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को त्वरित चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान नर्सिंग स्टाफ और स्वास्थ्य कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

"नव नियुक्त नर्सिंग अधिकारी पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करेंगे"

जब पूरा विश्व इस संकट से जूझ रहा था, तब हमारे नर्सिंग स्टाफ और स्वास्थ्य कर्मी फ्रंटलाइन वॉरियर बनकर नि:स्वार्थ सेवा में जुटे हुए थे। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दिन-रात मरीजों की देखभाल करते हुए उनके जीवन को बचाने के लिए अथक परिश्रम किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव नियुक्त नर्सिंग अधिकारी पूर्ण निष्ठा, समर्पण और मानवीय मूल्यों के साथ कार्य करेंगे और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई ऊंचाई प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

"आयुष्मान योजना के अंतर्गत 11 लाख से अधिक मरीजों को मिला लाभ"

धामी ने कहा कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत, प्रदेश में लगभग 11 लाख से अधिक मरीजों को 2100 करोड़ रुपये से अधिक के कैशलेस उपचार का लाभ प्राप्त हो चुका है। इसके अलावा, राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित कर रहे हैं, ताकि हमारे सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों को उनके जिले में ही आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं सहज रूप से उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक क्षेत्र के लिए हेली एंबुलेंस सेवा भी प्रारंभ की गई है, जो किसी भी आपात स्थिति में सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों के लिए जीवन रक्षक साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए भी निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं।

"लोगों को घर पर ही बेहतर इलाज देने हेतु सरकार कर रही प्रयास"

इसी क्रम में, चिकित्सा शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए अब तक 173 असिस्टेंट प्रोफेसर्स, 56 संकाय सदस्य और 185 तकनीशियन नियुक्त किए जा चुके हैं। इसी का परिणाम है कि 3 वर्ष में ही प्रदेश के 22 हजार से अधिक युवा सरकारी नौकरी पाने में सफल रहे हैं। चिकित्सा, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि लोगों को उनके घर पर ही बेहतर और किफायती इलाज मिले, इसके लिए सरकार प्रयासरत है। पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के जल्द संचालन की तैयारी है। जिससे एक ओर सरकार को चिकित्सक वहीं,दूसरी ओर लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के बेहतर संचालन के लिए सुव्यवस्थित ट्रांसफर पॉलिसी, फैकल्टी को समय पर प्रोन्नति, मेडिकल कॉलेज में सीटों के अनुसार कार्मिकों की नियुक्ति आदि की योजना है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, संविदा कार्मिकों के मानदेय को संशोधित करने और संविदा में कार्यरत नर्सिंग स्टॉफ को समायोजित करने का भी प्रयास किया जाएगा।

"चिकित्सा के साथ ही चिकित्सा शिक्षा को भी किया जाए सुद्दढ़"

चिकित्सा सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि विभाग का संकल्प है कि चिकित्सा के साथ ही चिकित्सा शिक्षा को सुद्दढ़ किया जाए। इसके लिए समय-समय पर चिकित्सक से लेकर चतुर्थ श्रेणी स्तर के कार्मिकों की भर्ती हो रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग के इन्फ्रास्ट्रक्चर का पूर्ण प्रयोग हो इसके लिए मानवीय संसाधनों की नियुक्ति हो रही है। जहां मानवीय संसाधन है वहां भौतिक संसाधनों की आपूर्ति की जा रही है। इस अवसर पर, विधायक खजान दास, निदेशक, चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, प्राचार्य, दून मेडिकल कॉलेज, डॉ. गीता जैन एवं सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य भी उपस्थित रहे। 

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