राजकीय मेडिकल कॉलेज से लाखों की चोरी मामले में 2 साल बाद दर्ज हुआ मुकदमा, पुलिस पर उठे सवालिया निशान

Edited By Vandana Khosla, Updated: 14 Sep, 2024 10:42 AM

case registered after 2 years in case of theft of lakhs

ऊधम सिंह नगर : उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करता हुआ मामला सामने आया है। इसमें जनपद के निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज से लाखों का सरिया चोरी का मुकदमा 2 साल बाद दर्ज किया गया है। वहीं इस मुकदमे को लेकर पुलिस पर...

ऊधम सिंह नगर : उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करता हुआ मामला सामने आया है। इसमें जनपद के निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज से लाखों का सरिया चोरी का मुकदमा 2 साल बाद दर्ज किया गया है। वहीं इस मुकदमे को लेकर पुलिस पर सवालिया निशान खड़े होना और एक चर्चा का विषय बनना लाजमी है। हालांकि राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर के छात्रावास में अनियमितता मिलने और कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करते हुए निर्माणधीन भवन को ध्वस्त कर दुबारा निर्माण शुरू करा दिया गया है

वरिष्ठ पुलिस  मंजूनाथ टीसी की भूमिका रही  संदिग्ध
दरअसल,उधम सिंह नगर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन छात्रावास से 2 वर्ष पूर्व लाखों का सरिया चोरी मामला प्रकाश में आया है। इसमें बीती 13 सितंबर वर्ष 2022 को रुद्रपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन हॉस्टल से हुई लाखों की चोरी मामले में अब पुलिस नींद से जागी है। वहीं जिले के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी के ट्रांसफर होने के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया जोकि एक चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रों की मानें तो 2 वर्ष पूर्व दिनदहाड़े निर्माणाधीन हॉस्टल में हो रही चोरी की पूरी वारदात कैमरे में कैद होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य ने बीती 13 सितंबर वर्ष 2022 को इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस को तहरीर भी सौंपी थी। लेकिन पुलिस ने 2 साल तक इस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया और आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाय पूरे मामले को दबाने में लगी रही। इस दौरान जिले के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी की भूमिका भी इस पूरे मामले में काफी संदिग्ध रही।

2 साल तक मुकदमा नहीं किया दर्ज 
आरोप है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कप्तान रहते हुए इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की तहरीर के आधार पर भी 2 साल तक मुकदमा तक दर्ज नहीं किया गया। वहीं कम्पनी में कुछ बड़ी अनियमितताओं को लेकर शासन ने कार्यदाई संस्था को ब्लैक लिस्ट कर दिया। साथ ही रकम की रिकवरी के आदेश जारी कर निर्माणाधीन भवन को ध्वस्त करने के आदेश दे दिए गए। वहीं इन अनियमितताओं के उजागर होने पर केंद्र पोषित योजना के तहत चल रहे रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन छात्रावास का कार्य ईपीआईएल (EPIL) हटाकर शासन ने 4 अक्टूबर वर्ष 2022 को उत्तराखंड पेयजल संसाधन एवं निर्माण निगम को दे दिया था।

एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के सरिया चोरी होने का मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि थोड़ा विलम्ब हुआ अभी तक जांच प्रचलित थी और अब मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।

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