केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र ने किया उत्तराखंड में वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, स्थिति का लिया जायजा

Edited By Nitika, Updated: 21 Jun, 2024 02:32 PM

bhupendra visited forest fire affected areas in uttarakhand

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव गुरुवार को दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर देहरादून पहुंचे। यहां से वह राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल के साथ टिहरी और नरेंद्र नगर वन क्षेत्रों के वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों में गए

 

देहरादूनः केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव गुरुवार को दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर देहरादून पहुंचे। यहां से वह राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल के साथ टिहरी और नरेंद्र नगर वन क्षेत्रों के वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों में गए और स्थिति का जायजा लिया। साथ ही, उन्होंने विभाग की तैयारियों का भी जायज़ा लिया। वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान, उन्होंने ग्रामीणों से भी संवाद किया।

भूपेंद्र यादव ने नरेंद्रनगर वन प्रभाग के अंतर्गत शिवपुरी, हिंडोला खाल, बेमुंडा, आगराखाल आदि वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों का जायज़ा लिया और अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान, भागीरथी वृत्त के अंतर्गत, नरेंद्र नगर एवं टिहरी वन प्रभागों में विभिन्न स्थलों का दौरा कर वन अग्नि से प्रभावित सुदूर वन क्षेत्र एवं वन विभाग की तैयारियों की भी समीक्षा की। हिंडोला खाल में स्थलीय दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाएं ज़्यादा हो गई थी। ये घटनाएं ज्यादातर चीड़ के जंगलों में घटित हुई है। जंगलों में वनाग्नि की घटनाएं बढ़ी है। इस दौरान इनकी मॉनिटरिंग की गई और साथ में कई बैठकें भी की गई, जिसमें आग लगने के स्थानीय कारणों का पता लगाने की कोशिश की गई। केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि हालात नियंत्रण में हैं। इसलिए स्थलीय निरीक्षण आवश्यक था, ताकि यहां की भौगोलिक परिस्थितियों का जायज़ा लिया जा सके। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता और जन सहमति को सुनिश्चित किया जा सके, ताकि शासन, वन विभाग समन्वय के साथ आग की घटनाओं को रोक सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए मिलकर काम कर रही है।

यादव ने बेमुंडा क्रू स्टेशन पर, ग्रामीण महिलाओं और ग्रामीणों के साथ संवाद किया और जंगलों में आग लगने के कारणों पर चर्चा की। इस दौरान, उन्होंने वनाग्नि को बुझाने में लगे वन कर्मियों से भी बात की और क्रू स्टेशन का जायज़ा लिया। उल्लेखनीय है कि हिंडोला खाल में बांज प्रजाति के वन क्षेत्र हैं, जिसमें पूर्व में अनेक अग्नि लगने की घटनाएं हुई हैं। बेमुंडा में वन विभाग द्वारा क्रु स्टेशन की स्थापना की गई है, जिससे राष्ट्रीय राज मार्ग के आसपास वन क्षेत्र में अग्नि की घटनाओं के संबंध में सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके। बेमुंडा क्रु स्टेशन अत्यंत संवेदनशील वन क्षेत्र के निरीक्षण करने में सहायक है। इसी क्रम में, आगराखाल स्थित सामुदायिक उन्नति केंद्र का भी केंद्रीय मंत्री द्वारा निरीक्षण किया गया एवं स्थानीय समुदाय द्वारा विभिन्न विकास गतिविधियों में किए जा रहे कार्यों का भी उन्होंने जायजा लिया। इस क्षेत्र में स्थानीय समुदाय द्वारा वन विभाग को वन अग्नि से निपटने में सहयोग भी प्रदान किया जाता है। इस दौरान, बादशाही ढोल में चीड़ के वनों में हुई अग्नि दुर्घटनाओं के क्षेत्र का भी मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया। यादव द्वारा उपस्थित अधिकारियों से वार्ता कर अग्नि को रोकने एवं उससे निपटने के संबंध में प्रयासों की पूर्ण समीक्षा की गई।

यादव द्वारा इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि वन विभाग वन अग्नि से निपटने हेतु तैयारी को और अधिक सघन करे। उन्होंने निर्देशित किया कि आग की सूचना प्राप्त होने पर कम से कम समय में उससे निपटने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। केंद्रीय वन मंत्री ने वन अग्नि के मामलों में स्थानीय समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया। उन्होंने इस दौरान स्थानीय समुदाय को भी इस संबंध में प्रेरित किया। उन्होंने हाल ही में हुई वन अग्नि की दुर्घटनाओं एवं उससे हुई जान-माल की क्षति पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बादशाही थौल फॉरेस्ट रेंज में वन विभाग के अधिकारियों और वन कर्मियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने वनाग्नि से निपटने के उपकरण को भी परखा।

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