Edited By Nitika, Updated: 20 Apr, 2023 04:24 PM
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी के मातली गांव में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की ओर से ग्रामीणों का रास्ता बंद किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र, राज्य सरकार एवं आईटीबीपी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश...
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी के मातली गांव में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की ओर से ग्रामीणों का रास्ता बंद किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र, राज्य सरकार एवं आईटीबीपी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने उत्तरकाशी के मातली गांव निवासी रामलाल नौटियाल एवं अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद ये निर्देश जारी किए। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि उनके गांव की भूमि का आईटीबीपी की ओर से अधिग्रहण किया गया था। साथ ही समझौता हुआ था कि उनके लिए मंदिर, स्कूल व घाट जाने का रास्ता बनाया जाए, जिसमें कोई रोक-टोक नहीं होगी।
वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से आरोप लगाया गया कि आईटीबीपी की ओर से पूरे क्षेत्र की चाहर दीवारी कर दी गई है, जिससे ग्रामीणों का स्कूल, मंदिर, घाट जाने का रास्ता बंद हो गया है। इससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन ग्रामीणों व स्कूल जाते बच्चों को जांच से गुजरना पड़ता है।
बता दें कि ग्रामीणों ने रास्ता खोलने की आईटीबीपी की ओर से दी गई अंडरटेकिंग के बाद जिला न्यायालय में दायर वाद को वापस ले लिया लेकिन आज तक ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं हो पाई है। ग्रामीणों की ओर से अदालत से उन्हें रास्ता दिलाए जाने की मांग की गई है।