Edited By Nitika, Updated: 16 May, 2024 01:15 PM
चारधाम यात्रा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को तीर्थयात्रियों से पंजीकरण के दौरान दी गई तारीख पर ही दर्शन करने, यात्रा के दौरान खुद को वातावरण के अनुकूल ढालने तथा अपना चिकित्सा इतिहास नहीं छिपाने का...
देहरादूनः चारधाम यात्रा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को तीर्थयात्रियों से पंजीकरण के दौरान दी गई तारीख पर ही दर्शन करने, यात्रा के दौरान खुद को वातावरण के अनुकूल ढालने तथा अपना चिकित्सा इतिहास नहीं छिपाने का अनुरोध किया है ताकि उनकी यात्रा सुखद रहे।
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में श्रद्धालुओं के इतनी बड़ी संख्या में आने को उत्तराखंड का सौभाग्य बताया लेकिन कहा कि इसके साथ ही कुछ चुनौतियां भी होती हैं, जिनसे निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा की लगातार निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में आने वाले हर श्रद्धालु को दर्शन का लाभ मिले लेकिन उनकी यात्रा सुरक्षित एवं सुगम भी हो, जिसके लिए संतुलन बनाकर चला जा रहा है। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल से 14 मई तक चार धामों में ऑनलाइन 26,73, 519 पंजीकरण हो चुके हैं जबकि हरिद्वार एवं ऋषिकेश में आठ मई से शुरू किए गए ऑफलाइन काउंटरों के माध्यम से 1,42,641 पंजीकरण हो चुके हैं।
हालांकि, पांडेय ने बताया कि मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सुबह हुई एक बैठक में यह बात सामने आई कि बहुत से श्रद्धालु पंजीकरण के दौरान दी गई तारीख से पहले ही चारधाम यात्रा में पहुंच गए, जिससे धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ गई। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मुख्य सचिव ने इसे रोकने के लिए बुधवार से ही स्थानीय स्तर पर आरटीओ एवं जिला प्रशासन की टीमों को सख्ती से चेकिंग करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अगर कोई टूर ऑपरेटर पंजीकरण वाले दिनों से इतर यात्रियों को ले जाते हुए मिलता है तो यात्रियों को रोके जाने के साथ ही वाहनों के परमिट भी निलंबित कर दिए जाएंगे।
पांडेय ने बताया कि बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि इस संबंध में एक परामर्श अन्य राज्यों को भी जारी की जाएगी, जिसमें उनसे लोगों से पंजीकरण में मिली निर्धारित तारीख पर ही यात्रा करने की अपील करने का अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पौड़ी और टिहरी जिला प्रशासन को भी यात्रा मार्ग पर 'होल्डिंग एरिया' चिन्हित करने के निर्देश दिए गए, जहां वाहनों की पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था हो और श्रद्धालुओं को भोजन-पानी सब उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने कहा, 'लोगों को चाहिए कि बगैर पंजीकरण यात्रा न करें और जिनके पंजीकरण बाद की तिथियों के हैं, वे उसी समय यात्रा करें।' पांडेय ने कहा कि पिछले वर्ष यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने वाले दिन 6838 श्रद्धालु आए थे लेकिन इस बार यह संख्या दोगुनी होकर 12193 पहुंच गई। इसी प्रकार, केदारनाथ में पिछले साल कपाट खुलने के दौरान 18335 श्रद्धालु आए थे, जो इस साल बढ़कर 29000 हो गई। गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है और हम अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने का प्रयास कर रहे हैं।
पांडेय ने चारधाम यात्रा शुरू होने के पहले छह दिनों में ही 11 श्रद्धालुओं की मौत के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य सरकार ने जगह-जगह पर श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य जांच संबंधी स्क्रीनिंग के पर्याप्त इंतजाम किए हैं। उन्होंने कहा कि पंजीकरण के लिए आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग के लिए एक पर्ची के साथ एक फॉर्म भी भरने को दिया जा रहा है, जिसमें उनके स्वास्थ्य संबंधी हिस्ट्री पूछी जा रही है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को न छिपाने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चिकित्सक श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा न करने की सलाह दे रहे हैं, तो वे उसे मानें।
इसके अलावा, पांडेय ने कहा कि चारों धाम बहुत ऊंचाई पर स्थित है और गर्म स्थानों से आने वाले लोगों को इन परिस्थितियों में ढलने में दिक्कत होती है, इसलिए श्रद्धालु इसके अनुकूल होने के बाद ही चढ़ाई करें। अब तक यमुनोत्री में 59,158, गंगोत्री में 51,378, केदारनाथ में 1,26,306 व बद्रीनाथ धाम में 39,574 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।