Edited By Ramanjot, Updated: 07 Nov, 2024 05:06 PM
रूद्रपुर निवासी रिजवान अंसारी की ओर से दायर जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की युगलपीठ में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश जवाबी हलफनामा में कहा गया कि ओबीसी आरक्षण पर सेवानिवृत्त...
नैनीताल: उत्तराखंड निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण की सीमा बढ़कर 27 फीसदी होना तय हो गया है। प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय में गुरूवार को ओबीसी आरक्षण पर अपनी तस्वीर साफ कर दी। सरकार इस मसले पर जल्द अध्यादेश के जरिए अपनी मुहर लगा देगी।
रूद्रपुर निवासी रिजवान अंसारी की ओर से दायर जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की युगलपीठ में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश जवाबी हलफनामा में कहा गया कि ओबीसी आरक्षण पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश ब्रह्म सिंह वर्मा की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की जो सिफारिश की गई है उसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। उस पर मंत्रिमंडल ने अपनी मुहर भी लगा दी है।
आगे कहा गया कि सरकार इस मामले में आगामी दो सप्ताह में अध्यादेश लाकर अपनी मुहर लगा देगी। अंत में सरकार के जवाब से संतुष्ट होते हुए अदालत ने जनहित याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया। यहां बता दें कि याचिकाकर्ता की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि प्रदेश में ओबीसी की जनसंख्या में वृद्धि हुई है। सरकार वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर निकाय चुनाव संपन्न कराना चाहती है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से निकाय चुनावों में 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई।