Edited By Vandana Khosla, Updated: 30 Sep, 2024 03:07 PM
रूड़कीः उत्तराखंड के रूड़की में बदमाशों द्वारा चाकुओं से किए गए हमले में घायल एक युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं युवक की मौत की जानकारी मिलने पर गुस्साए ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव कर दिया और पुलिस पर हत्या के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया।...
रूड़कीः उत्तराखंड के रूड़की में बदमाशों द्वारा चाकुओं से किए गए हमले में घायल एक युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं युवक की मौत की जानकारी मिलने पर गुस्साए ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव कर दिया और पुलिस पर हत्या के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। इस दौरान मामले में आक्रोशित लोगों की भीड़ को बढ़ता देख आसपास के थानों की पुलिस भी गंगनहर कोतवाली में बुलानी पड़ी। ग्रामीणों का आरोप है कि इस मामले में दो माह से पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
दरअसल,रूड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव का रहने वाला 19 वर्षीय अंकित कुमार गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के सुनहरा गांव में श्रेया पैथोलॉजी लेब पर काम करता था। जहां बीती 4 अगस्त की देर शाम अंकित छुट्टी के बाद अपने गांव माधोपुर जा रहा था। इसी बीच पहले से घात लगाए बैठे करीब आधा दर्जन बदमाशों ने उसे रोक लिया। वहीं इन बदमाशों ने उसके ऊपर चाकू से हमला कर दिया। इसी दौरान गांव का ही पंकित कुमार नामक एक युवक जो फाइनेंस का काम करता है वह अपने घर वापस लौट रहा था। उसने देखा कि अंकित के साथ कुछ लोग मारपीट कर रहे हैं। इस दौरान पंकित जैसे ही बीच बचाव करने के लिए बीच में घुसा तो बदमाशों ने उसके ऊपर भी चाकू से हमला कर दिया और मौके से फरार हो गए। इस घटना की जानकारी मिलते ही उनके परिजन और ग्रामीण आनन-फानन में मौके पर पहुंचे और दोनों घायलों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद घटना की जानकारी पुलिस को दी गई थी। वहीं मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस अस्पताल पहुंच गई थी और घटना के बारे में जानकारी जुटाई गई थी।
वहीं इस घटना के बाद एक युवक की हालत को गंभीर मानते हुए अस्पताल के चिकित्सकों ने हायर सेंटर ऋषिकेश के एम्स हॉस्पिटल के लिए रेफर किया गया था। इसके चलते पंकित का उपचार उसी समय से एम्स हॉस्पिटल में चल रहा था। जहां बीती रविवार की रात उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं जब उसकी मौत की खबर गांव में पहुंची तो सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव कर दिया और धरना देकर कोतवाली में बैठ गए। वहीं ग्रामीणों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए आसपास के थानों की पुलिस भी गंगनहर कोतवाली में बुलानी पड़ी। ग्रामीणों ने दो माह से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप भी पुलिस पर लगाया है। हालांकि फिलहाल पुलिस धरनास्थल पर बैठे गुस्साए ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रही है।