Edited By Ramanjot, Updated: 28 Jun, 2024 04:04 PM
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हल्द्वानी आवास विकास कालोनी निवासी एहतेशाम खान की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए। सरकार को 30 जुलाई तक जवाब देना है। याचिकाकर्ता की ओर से...
नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान कौशल विकास योजना के तहत हुए करोड़ों रुपए के कथित घोटाले के मामले में केन्द्र सरकार से पूछा है कि क्यों न इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जाए।
सरकार को 30 जुलाई तक देना होगा जवाब
हल्द्वानी आवास विकास कालोनी निवासी एहतेशाम खान की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए। सरकार को 30 जुलाई तक जवाब देना है। याचिकाकर्ता की ओर से केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार, निदेशक कौशल विकास, सचिव कौशल विकास, नोडल अधिकारी कौशल विकास को पक्षकार बनाया गया है। पूर्व में अदालत ने प्रदेश सरकार से प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेज अदालत में उपलब्ध कराने और घोटाले के आरोपी निजी कंपनियों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को पक्षकार बनाने को कहा था।
वर्ष 2023 में दायर जनहित याचिका में कहा गया कि केन्द्र सरकार द्वारा सहायतित कौशल विकास योजना में कोविड महामारी के दौरान गड़बड़ी की गई है। कोरोना काल के दौरान प्रशिक्षण के नाम पर लगभग करोड़ों की धनराशि हड़प ली गई। प्रदेश सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। घोटाले को सरकारी मशीनरी और एनजीओ ने अंजाम दिया गया है। यह भी आरोप है कि कोरोना काल में 55 हजार छात्रों को प्रशिक्षण के बाद नौकरी तक आवंटित कर दी गई। याचिका में धन आवंटन के नाम पर भी अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं।