Edited By Ramanjot, Updated: 13 Jul, 2024 04:18 PM
पुलिस ने हल्द्वानी दंगा के आरोप में 100 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है और अधिकांश आरोपियों पर यूएपीए लगाया है। याचिकाकर्ता सिद्दीकी भी यूएपीए के तहत जेल में बंद है। आरोपी ने एक याचिका के माध्यम से पुलिस गिरफ्तारी को चुनौती दी है। आरोपी ने याचिका...
नैनीताल: उत्तराखंड के हल्द्वानी में दंगे के आरोपी जावेद सिद्दीकी की रिमांड पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय 18 जुलाई को फैसला करेगा। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की पीठ ने तब तक सरकार को अपना पक्ष जवाबी हलफनामा के माध्यम से पेश करने को कहा है। दंगा के आरोपी जावेद सिद्दीकी पर पुलिस ने गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) अधिरोपित किया है।
याचिकाकर्ता सिद्दीकी भी यूएपीए के तहत जेल में बंद
पुलिस ने हल्द्वानी दंगा के आरोप में 100 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है और अधिकांश आरोपियों पर यूएपीए लगाया है। याचिकाकर्ता सिद्दीकी भी यूएपीए के तहत जेल में बंद है। आरोपी ने एक याचिका के माध्यम से पुलिस गिरफ्तारी को चुनौती दी है। आरोपी ने याचिका में कहा है कि पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले उसे गिरफ्तार करने का आधार नहीं बताया है। पुलिस की रिमांड प्रार्थना पत्र में भी उसकी गिरफ्तारी के संबंध में कोई आधार नहीं दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि यह शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन है।
कोर्ट ने सरकार को सोमवार तक जवाब देने को कहा
उच्चतम न्यायालय की ओर से वर्ष 2024 में एक आदेश जारी कर कहा गया है कि किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी के साथ ही उसे कारण और आधार बताया जाना आवश्यक है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि पुलिस ने ऐसा नहीं किया है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से रिमांड अवैध घोषित करने की मांग की गई। इस मामले में प्रदेश सरकार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और और कोतवाल को पक्षकार बनाया गया है। आरोपी की ओर से शीर्ष अदालत के अधिवक्ता डा. कोलिन गुंजालिश की ओर से बहस की गई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार को सोमवार तक जवाब देने को कहा है।
मामले में 18 जुलाई को होगी सुनवाई
साथ ही याचिकाकर्ता को भी प्रतिशपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए। अदालत इस प्रकरण में 18 जुलाई को सुनवाई करेगी। गौरतलब है कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा में नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने के दौरान आठ फरवरी, 2024 को दंगा भड़क गया था। इस दौरान पांच लोग मारे गये थे। साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। आरोपियों पर नगर निगम, विशेष जांच दल (एसआईटी) और पुलिस की ओर से अलग-अलग अभियोग पंजीकृत किये गये और लगभग 100 दंगाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। अधिकांश आरोपियों पर यूएपीए समेत कई धारायें लगाई गई हैं।