Court ने की उत्तराखंड सरकार की आलोचना, वन भूमि अतिक्रमण पर कहा- मूक दर्शक की तरह बैठी है

Edited By Vandana Khosla, Updated: 22 Dec, 2025 04:11 PM

the court criticized the uttarakhand government

उत्तराखंड डेस्कः उच्चतम न्यायालय ने वन भूमि पर अतिक्रमण के मामले में सोमवार को उत्तराखंड सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार और उसके अधिकारी ‘‘मूक दर्शक'' की तरह बैठे रहे और अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया।

उत्तराखंड डेस्कः उच्चतम न्यायालय ने वन भूमि पर अतिक्रमण के मामले में सोमवार को उत्तराखंड सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार और उसके अधिकारी ‘‘मूक दर्शक'' की तरह बैठे रहे और अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया।

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की अवकाशकालीन पीठ ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को एक जांच समिति गठित करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि हमारे लिए सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उत्तराखंड सरकार और अधिकारी अपनी आंखों के सामने वन भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को मूक दर्शक की तरह देख रहे हैं। इसलिए हम इस मामले पर स्वतः संज्ञान ले रहे हैं। न्यायालय ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव और प्रधान संरक्षण सचिव को एक तथ्य अन्वेषण समिति गठित करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है।

कहा कि निजी पक्षों को किसी भी प्रकार का तीसरा पक्ष बनाने से रोका जाता है और कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आवासीय मकानों को छोड़कर खाली पड़ी जमीनों पर वन विभाग का कब्जा होगा। न्यायालय ने इस मामले पर अगली सुनवाई छुट्टियों के बाद तय की। उच्चतम न्यायालय उत्तराखंड में वन भूमि के एक बड़े हिस्से पर अवैध कब्जे से संबंधित अनीता कांडवाल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

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