महिला शासित बंगाल में चिकित्सक के साथ हुआ अपराध ‘अत्यंत दुखदायी': ऋतु खंडूरी

Edited By Nitika, Updated: 16 Aug, 2024 03:48 PM

statement of ritu khanduri

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने कहा कि महिला शासित राज्य पश्चिम बंगाल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से कथित बलात्कार एवं उसकी हत्या किए जाने की घटना ‘‘अत्यंत दुखदायी'' है और ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने की जिम्मेदारी केवल बंगाल की...

 

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने कहा कि महिला शासित राज्य पश्चिम बंगाल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से कथित बलात्कार एवं उसकी हत्या किए जाने की घटना ‘‘अत्यंत दुखदायी'' है और ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने की जिम्मेदारी केवल बंगाल की नहीं, बल्कि पूरे देश की है।

प्रदेश की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष खंडूरी ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में एक पेशेवर लड़की, एक चिकित्सक के साथ ऐसा हुआ। अगर किसी महिला शासित प्रदेश में ऐसा घृणित अपराध होता है, तो यह और भी अधिक दुखदायी है। जिस बंगाल में आप नवरात्र और दुर्गापूजा करते हैं, वहां ऐसा होना बहुत शर्मनाक है।'' हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाना केवल पश्चिम बंगाल की नहीं बल्कि सभी की जिम्मेदारी बनती है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को एक प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित रूप से बलात्कार किए जाने और उसकी हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं।

खंडूरी ने यहां विशेष बातचीत में कहा कि निर्भया कांड के बाद सबने सोचा था कि लोग जागरूक होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कानून के साथ ही सामाजिक तौर पर भी बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम लड़कियों से कई तरह के प्रश्न पूछते हैं, जैसे कहां घूमती रहती हो? जोर से क्यों बोलती हो? इतना हंसती क्यों है? ऐसे सवाल लड़कों से नहीं पूछे जाते। इसके लिए परिवार और समाज को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा। अगर लड़का मां से ऊंची आवाज में बात करता है या बहन को धक्का देकर कुछ अपशब्द बोलता है तो उसे भी टोकना होगा।''

खंडूरी ने कहा कि उन्होंने कुछ आचार्यों को यह कहते सुना कि महिला नाच नहीं सकती। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘21वीं सदी में ये कैसी बातें की जा रही हैं। पुरुष कुछ भी करे, उस पर कोई रोक नहीं है। सारे संस्कारों का ठेका क्या महिला ने ही ले रखा है?'' खंडूरी ने कहा कि महिलाएं ज्यादा कुछ नहीं, केवल बराबरी का हक चाहती हैं। उन्होंने सामाजिक बदलाव की सबसे अधिक जिम्मेदारी मां और गुरु की बताते हुए कहा कि इन्हीं के साथ बच्चे ज्यादातर समय बिताते हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अपराध की निंदा हो, कानून कड़ा हो लेकिन समाज में भी बदलाव आएं।'' उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को भी दुखद बताते हुए कहा कि किसी को अल्पसंख्यक या कमजोर होने के कारण सताया जाना ठीक नहीं है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर ‘‘कैंडल मार्च वालों की चुप्पी को आश्चर्यजनक'' बताए जाने संबंधी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बयान पर कहा, ‘‘मैं इस बात से सहमत हूं कि कैंडल मार्च चुनिंदा मामलों पर ही नहीं होने चाहिए।'' उन्होंने ‘‘जातियों के आधार पर समाज में बिखराव बढ़ने'' पर भी चिंता जताई और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में जाति एवं धर्म से ऊपर उठकर केवल विकास के मुद्दे को ही ऊपर रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिलना है तो यह नहीं देखा जाता कि उसका धर्म क्या है या जाति क्या है।'' खंडूरी ने जनसंख्या नियंत्रण पर भी जोर दिया और कहा कि इससे बहुत सारी चीजें सुलझ जाएंगी। उन्होंने कहा कि इसका किसी धर्म या जाति या संप्रदाय से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘जनसंख्या नियंत्रण केवल मुसलमानों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए होगा जिसका लाभ सभी को मिलेगा।''

खंडूरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि सत्ता के गलियारों में पहली बार महिला की आवाज सुनी जा रही है और उनकी छोटी-छोटी जरूरतों को समझा जा रहा है। देहरादून के रायपुर क्षेत्र में नए विधानसभा भवन के निर्माण के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर खंडूरी ने कहा कि यह सरकार का दायित्व है कि इस प्रस्ताव पर कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि वह चाहेंगी कि नया विधानसभा भवन बने जहां सारी सुविधाएं हों।

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