Edited By Vandana Khosla, Updated: 14 Sep, 2024 01:33 PM
ऊधम सिंह नगर : उत्तराखंड में उधम सिंह नगर जनपद के थाना गदरपुर क्षेत्रान्तर्गत पीपल पड़ाव जंगल में वन तस्करों और वन कर्मियों के बीच हुई फायरिंग के मामले में पुलिस ने दूसरे आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसी के साथ 315 बोर तमंचा व 02 जिंदा कारतूस भी बरामद...
ऊधम सिंह नगर : उत्तराखंड में उधम सिंह नगर जनपद के थाना गदरपुर क्षेत्रान्तर्गत पीपल पड़ाव जंगल में वन तस्करों और वन कर्मियों के बीच हुई फायरिंग के मामले में पुलिस ने दूसरे आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसी के साथ 315 बोर तमंचा व 02 जिंदा कारतूस भी बरामद किए है। जबकि अन्य अपराधियों की भी पुलिस द्वारा धरपकड़ की जा रही है। बताया गया कि आरोपी पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज है। उक्त मामले का खुलासा एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने अपने कार्यालय में किया।
दरअसल,बीती 06 सितंबर की सांय पीपल पड़ाव जंगल मे वन विभाग की टीम पर कुछ शातिर बदमाशों द्वारा बंदूकों से लैस होकर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। इस दौरान बदमाशों ने वन विभाग के रेंजर सहित कुछ अन्य वन कर्मियों को घायल कर दिया था। जिस पर रूप नारायण गौतम वन रेंजर, पीपल पड़ाव रेंज तराई वन प्रभाग रुद्रपुर की तहरीर पर थाना गदरपुर पर मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 04 टीमों का गठन किया था। इसी क्रम में एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि टीम ने बीती 08 सितंबर को गुरमीत सिंह उर्फ गेजी पुत्र टहल सिंह, ग्राम- हरिपुरा हसन थाना बाजपुर, जनपद ऊधमसिंह नगर को गिरफ्तार किया था। वहीं इस मामले के दूसरे आरोपी सर्वजीत सिंह उर्फ छब्बी पुत्र छुवारा सिंह निवासी ग्राम मडैया हड्डू,थाना केलाखेड़ा उधमसिंह नगर को 315 बोर व 02 जिन्दा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है।
मामले में आरोपी ने पूछताछ में बताया कि विगत 06 सितंबर को उसने अपने अन्य साथियो संगत सिंह उर्फ संगी, गुरमीत सिंह उर्फ गेजी, संदीप सिंह, जसविंदर सिंह उर्फ छिन्दर, आदि के साथ मिलकर वन विभाग चौकी पीपल पड़ाव वन रेंज टीम पर फायरिंग की थी। फिलहाल आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है। बताया गया कि अभियुक्त सर्बजीत सिंह एक पेशेवर किस्म का अपराधी है। इसके द्वारा पूर्व में भी हत्या का प्रयास तथा आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत आपराधिक घटनाएं की गई है। जिस पर कुल 05 विभिन्न मामलों में मुकदमे दर्ज है, जो न्यायालयों में विचाराधीन है।