Edited By Vandana Khosla, Updated: 21 Sep, 2024 12:05 PM
उधम सिंह नगर : जनपद उधम सिंह नगर के रुद्रपुर स्थित गांधी पार्क में बंगाली समाज का प्रदेश स्तरीय महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की तादाद में बंगाली समाज के पुरुष व महिलाएं एकत्रित हुई। इस दौरान बंगाली लोग अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर...
उधम सिंह नगर : जनपद उधम सिंह नगर के रुद्रपुर स्थित गांधी पार्क में बंगाली समाज का प्रदेश स्तरीय महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की तादाद में बंगाली समाज के पुरुष व महिलाएं एकत्रित हुई। इस दौरान बंगाली लोग अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर इस सम्मेलन का हिस्सा बने। वहीं इस मौके पर राज्य सरकार के दर्जा मंत्री उत्तम दत्ता भी मंचासीन रहे। मंत्री उत्तम दत्ता ने इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य एवं केंद्र सरकार के सामने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को दोबारा से रखा।
राज्यव्यापी बंगाली सम्मेलन का आयोजन
जानकारी के अनुसार रुद्रपुर स्थित गांधी मैदान में बीते शुक्रवार को बंगाली समाज के युवाओं के द्वारा राज्यव्यापी बंगाली सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें बंगाली समाज के सभी वक्ताओं ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य एवं केंद्र सरकार से अपनी तीन सूत्री मांग को दोहराते हुए कहां है कि बंगाली समाज को उत्तराखंड में अनुसूचित जाति का पूर्ण दर्जा दिया जाए। साथ ही बंगाली समाज के बच्चों को शिक्षण संस्थानों में बांग्ला भाषा अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाए। वहीं आगे कहा कि बंगाली समाज को मिलने वाले छात्रवृत्ति जो अब नहीं मिल रही है उसको पुनः इसी सत्र से चालू किया जाए।
"अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र केवल छात्रवृत्ति के लिए"
बंगाली समाज के नेताओं ने कहा है कि भारत के सात राज्यों में अनुसूचित जाति का पूर्ण दर्जा बंगाली समाज को मिल रहा है। परंतु बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में बंगाली समाज को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र मिल रहा है पर केवल छात्रवृत्ति के लिए। हालांकि वर्तमान में छात्रवृत्ति बंगाली समाज के बच्चों को राज्य सरकार के द्वारा नहीं दिया जा रहा है ।
"सम्मेलन के माध्यम से मांगों को लेकर लड़ाई की शुरुआत"
वहीं इस महासम्मेलन में बंगाली समाज के नेताओं ने आगे कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर लड़ाई की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक नेताओं सहित बंगाली समाज के युवा अंतिम दौर तक इस लड़ाई को जारी रखेंगे।