Edited By Vandana Khosla, Updated: 12 Oct, 2024 03:11 PM
हरिद्वारः दशहरा पर्व पूरे देश में बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है। इसी बीच हरिद्वार स्थित कनखल के श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा में संतो ने दशहरा पर्व पर शस्त्रों की पूजा की। इनमें प्रमुख भैरव प्रकाश और सूर्य प्रकाश नामक भाले की देवता के रूप में...
हरिद्वारः दशहरा पर्व पूरे देश में बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है। इसी बीच हरिद्वार स्थित कनखल के श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा में संतो ने दशहरा पर्व पर शस्त्रों की पूजा की। इनमें प्रमुख भैरव प्रकाश और सूर्य प्रकाश नामक भाले की देवता के रूप में विधि विधान से पूजा की गई। इसके साथ ही आज के युग के आधुनिक हथियार और प्राचीन काल के कई प्रकार के हथियारों की पूजा मंत्रोच्चारण के साथ की गई। बता दें कि पिछले 2500 वर्षों से दशनामी संन्यासी इस परंपरा से जुड़े हुए है।
प्राप्त सूचना के मुताबिक दशहरे के दिन आदि जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित दशनामी संन्यासी परंपरा के नागा संन्यासी अखाड़ों में शस्त्र पूजन की परंपरा है। दरअसल, पिछले 2500 वर्षों से दशनामी संन्यासी परंपरा से जुड़े नागा संन्यासी इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए अपने-अपने अखाड़े में शस्त्र पूजन करते हैं। अखाड़े में प्राचीन काल से सूर्य प्रकाश और भैरव प्रकाश नामक भाले रखे हुए हैं। साथ ही इन भालों का देवताओं के रूप में पूजन किया जाता हैं।
बता दें कि दशनामी संन्यासी इन देवताओं की वैदिक रीति के अनुसार पूजा करते हैं। इसके अतिरिक्त विजयदशमी के अवसर पर अखाड़ों में शस्त्र पूजन का विशेष महत्व माना गया है।