Edited By Vandana Khosla, Updated: 30 Dec, 2025 11:22 AM

देहरादूनः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने त्रिपुरा के एक छात्र की उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कथित तौर पर नस्ली भेदभाव के चलते हत्या किए जाने के मामले में देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को नोटिस जारी किया...
देहरादूनः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने त्रिपुरा के एक छात्र की उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कथित तौर पर नस्ली भेदभाव के चलते हत्या किए जाने के मामले में देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को नोटिस जारी किया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देहरादून अधिकारियों को आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है और सात दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने मामले की कार्यवाही की एक प्रति उत्तराखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजने के लिए भी कहा है। उसने कहा कि इसके अतिरिक्त, अधिकारियों को पूरे राज्य में पूर्वोत्तर क्षेत्र के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है। देहरादून के एक निजी विश्वविद्यालय में एमबीए अंतिम वर्ष के छात्र 24 वर्षीय अंजेल चकमा पर नौ दिसंबर को कुछ युवकों ने चाकू से कथित तौर पर हमला किया था। सत्रह दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद छात्र की 26 दिसंबर को मृत्यु हो गई थी। छात्र अंजेल चकमा के पिता सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान हैं और मणिपुर के तंगजेंग में तैनात हैं।
आरोप है कि उनके बेटे पर तब बेरहमी से हमला किया गया। जब उसने अपने भाई का बचाव करने की कोशिश की, जिसे हमलावरों ने चीनी कहा था। पीड़ित के पिता ने बताया कि हमलावरों ने उनके बेटों को चाइनीज मोमो कहकर पुकारा और उन्हें अपशब्द कहे। छात्र के पिता ने बताया एंजेल ने युवकों से कहा कि वह भारतीय है, चीनी नहीं, लेकिन उन्होंने उस पर चाकू और अन्य वस्तुओं से हमला किया।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक पीठ ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत संज्ञान लिया है। उक्त पीठ की अध्यक्षता उसके सदस्य प्रियांक कानूनगो कर रहे हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि त्रिपुरा के छात्र पर देहरादून में नस्ली तौर पर प्रेरित घटना में बेरहमी से हमला किया गया और उसकी हत्या कर दी गई और छात्र अपने गृह राज्य से बाहर पढ़ाई कर रहा था।